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भारत ने सुरक्षा के मद्देनज़र रद्द की SAARC वीजा छूट योजना, पहलगाम हमले के बाद बड़ा फैसला

India canceled SAARC visa exemption scheme in view of security, a big decision after the Pahalgam attack

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के तहत चल रही वीजा छूट योजना को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उठाया गया है।

क्या थी यह योजना?

साल 1992 में शुरू की गई SAARC वीजा छूट योजना का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सहयोग, पारस्परिक संबंधों और आवागमन को आसान बनाना था। इसके अंतर्गत भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान और मालदीव के कुछ विशिष्ट श्रेणियों के नागरिकों को बिना वीजा भारत आने की अनुमति दी गई थी।

इस सुविधा का लाभ राजनयिक अधिकारियों, सांसदों, न्यायधीशों, वरिष्ठ पत्रकारों, शिक्षाविदों और कारोबारी प्रतिनिधियों को मिलता था।

फैसले की पृष्ठभूमि में पहलगाम हमला

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले ने देशभर में आक्रोश पैदा कर दिया। इस हमले में कई सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। प्रारंभिक जांच में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों की भूमिका सामने आने के बाद भारत सरकार ने वीजा छूट योजना की समीक्षा की और इसे खत्म करने का निर्णय लिया।

सरकार का मानना है कि इस योजना का दुरुपयोग करके भारत की सीमाओं में असामाजिक तत्व प्रवेश कर सकते हैं, जिससे आंतरिक सुरक्षा को खतरा उत्पन्न होता है।

अब क्या बदलेगा?

इस फैसले के बाद अब SAARC देशों के किसी भी नागरिक को भारत आने से पहले उचित वीजा प्रक्रिया से गुजरना अनिवार्य होगा। चाहे वे राजनयिक हों या पत्रकार, सभी को सामान्य वीजा नियमों का पालन करना होगा।

क्षेत्रीय प्रतिक्रिया मिली-जुली

भारत के इस फैसले को लेकर SAARC देशों में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। पाकिस्तान ने इसे ‘क्षेत्रीय संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाला कदम’ बताया है, जबकि नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों ने भारत से इस फैसले पर पुनर्विचार की अपील की है। हालांकि भारत सरकार ने दोहराया है कि देश की सुरक्षा को किसी भी हाल में जोखिम में नहीं डाला जा सकता।

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