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देहरादून में साइबर ठग गिरफ्तार: फर्जी ट्रेडिंग कंपनी बनाकर 38 लाख की ऑनलाइन ठगी, 2 करोड़ के संदिग्ध लेनदेन की जांच

Cyber ​​fraudster arrested in Dehradun: Online fraud of 38 lakhs by creating fake trading company, investigation of suspicious transactions of 2 crores

देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने एक बड़ी साइबर ठगी का खुलासा करते हुए देहरादून के पटेल नगर थाना क्षेत्र से एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने खुद को ABANS Brokerage Services कंपनी का अधिकारी बताकर एक पीड़ित से करीब 38 लाख 55 हजार रुपए की ठगी की। फिलहाल एसटीएफ को करीब दो करोड़ रुपए की संदिग्ध लेनदेन के सबूत मिले हैं, जिसकी जांच जारी है।

एसटीएफ के अनुसार, उधम सिंह नगर निवासी एक व्यक्ति ने मार्च 2025 में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि उसे जनवरी से मार्च 2025 के बीच व्हाट्सएप पर एक फर्जी ट्रेडिंग कंपनी का मैसेज आया। आरोपी ने खुद को ABANS Brokerage Services PVT LTD का प्रतिनिधि बताया और पीड़ित को 055 Abans Market Mentors, 051Abans Market Mentors और 054Abans Market Mentors नामक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा।

ग्रुप में पहले से जुड़े लोगों द्वारा निवेश पर भारी मुनाफे के फर्जी स्क्रीनशॉट भेजे जाते थे। पीड़ित को को-ट्रेडिंग में निवेश के लिए प्रेरित किया गया और उसे अलग-अलग बैंक खातों में बड़ी रकम जमा करने को कहा गया।

जांच के दौरान मोबाइल नंबरों और खातों का सत्यापन करने पर एसटीएफ ने मुख्य आरोपी मोहम्मद रिजवान (निवासी बिजनौर, हाल निवासी वन बिहार पित्थूवाला, देहरादून) को गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान आरोपी के पास से मोबाइल फोन, छह सिम कार्ड, तीन डेबिट कार्ड, एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड और एक फर्जी फर्म की मोहर बरामद की गई।

ठगी का तरीका बेहद संगठित था—व्हाट्सएप के जरिए लोगों को ग्रुप में जोड़कर उन्हें ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का लालच दिया जाता था। एक फर्जी एप ‘ABANS Pro’ के जरिए डैशबोर्ड पर मुनाफा दिखाया जाता था जिससे निवेशक भ्रमित होकर और पैसा लगाते रहते थे।

एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपी के खातों में बीते चार-पांच महीने में चार करोड़ से ज्यादा का ट्रांजैक्शन हुआ है। आरोपी के खिलाफ देश के कई राज्यों में 13 साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं। अन्य राज्यों की पुलिस से समन्वय कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

एसटीएफ की टीम फिलहाल अन्य पीड़ितों की पहचान में जुटी है और इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने में लगी है।

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