सर्दी के मौसम में त्वचा की ड्राईनेस और उससे जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, यह समस्याएं वात, पित्त और कफ के असंतुलन से होती हैं। वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. बीएल मिश्रा ने बताया कि सर्दियों में सही देखभाल और खानपान से त्वचा संबंधी रोगों से बचा जा सकता है।
सर्दियों में त्वचा संबंधी रोग: कारण और लक्षण
सर्दियों में वायु दोष बढ़ने और त्वचा से नमी खत्म होने के कारण कई समस्याएं होती हैं, जैसे:
- डैंड्रफ: बालों में खुजली और रूखापन।
- त्वचा का सफेद या फटना।
- खुजली और दाद का बढ़ना।
- होंठ फटना और घाव बनना।
डॉ. मिश्रा का कहना है कि सर्द हवाओं और पानी की कमी के कारण त्वचा की चिकनाई कम हो जाती है, जिससे यह रोग होते हैं।
त्वचा संबंधी रोगों से बचने के आयुर्वेदिक टिप्स
- पानी और रसदार फलों का सेवन बढ़ाएं: पर्याप्त पानी पीने के साथ संतरे, मौसंबी जैसे फलों का रस लें।
- चिकनाई युक्त भोजन का सेवन करें:
- देसी घी, तिल का तेल, और गर्म दूध का सेवन करें।
- मोटे अनाज से बने खाद्य पदार्थ जैसे हलवा, गजक, और मूंगफली खाएं।
- मोटे गुद्दे वाली सब्जियां और हरी सब्जियां डाइट में शामिल करें।
- तेल मालिश करें: नारियल, सरसों या तिल के तेल से रोजाना शरीर पर मालिश करें।
इन आदतों से बचें
- अत्यधिक ठंडे या गर्म पानी से न नहाएं।
- ठंडी और बासी चीजें खाने से बचें।
- हीटर या आग के सीधे संपर्क में न रहें।
- खट्टी छाछ का सेवन न करें।
आयुर्वेदिक उपचार से मिलेगी राहत
आयुर्वेदिक औषधियां त्वचा रोगों के लिए प्रभावी हैं और इनमें साइड इफेक्ट भी नहीं होते। उचित खानपान, तेल मालिश और स्वस्थ आदतें अपनाकर सर्दियों में त्वचा की समस्याओं से बचा जा सकता है।