गैरसैंण (चमोली): जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक ने देश को गौरव और संतोष का अनुभव कराया है। इस साहसिक कार्रवाई को लेकर उत्तराखंड के चमोली जिले के मेहलचौरी गांव का बिष्ट परिवार बेहद भावुक और गर्वित है। यह परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवा देता आ रहा है और आज भी देश सेवा में सक्रिय है।
“सेना ने दिखाया भारत का असली स्वरूप”
परिवार के वरिष्ठ सदस्य सुरेश बिष्ट ने कहा कि पहलगाम हमले में निर्दोषों को निशाना बनाना सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान पर चोट थी। ऐसे में भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक ने स्पष्ट कर दिया कि भारत अब सिर्फ सहन नहीं करेगा, बल्कि करारा जवाब भी देगा। उन्होंने कहा, “हमारी सेना ने पूरे देश को यह यकीन दिलाया है कि हम कमजोर नहीं, बल्कि निर्णायक और शक्तिशाली राष्ट्र हैं।”
साहसिक और सटीक कार्रवाई की सराहना
परिवार के अन्य सदस्य बीरेंद्र बिष्ट ने भी सेना के इस कदम को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा, “हमने विश्वास रखा था कि सरकार और सेना चुप नहीं बैठेगी। एयर स्ट्राइक से यह संदेश गया है कि आतंक को पालने वालों को अब माफ नहीं किया जाएगा।” उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सेना प्रमुखों की रणनीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह कार्रवाई पूरी तरह सटीक और योजनाबद्ध थी।
सैनिक परंपरा का गौरवशाली इतिहास
बिष्ट परिवार की देशसेवा की जड़ें बहुत गहरी हैं। सुरेश बिष्ट के दादा, सुबेदार जयसिंह बिष्ट, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिंद फौज में अधिकारी रहे थे। उनके चाचा आनंद सिंह बिष्ट ने 1965 के भारत-पाक युद्ध में शहीद होकर परिवार को गौरवशाली परंपरा दी। उनके पिता, सुबेदार अवतार सिंह बिष्ट, ने 1962, 1965 और 1971 के युद्धों में वीरता पूर्वक भाग लिया। उनके ताऊ कर्नल राजेंद्र सिंह बिष्ट भी सेना में उच्च पद पर सेवानिवृत्त हुए।
नई पीढ़ी भी देशसेवा के लिए तत्पर
परिवार की तीसरी पीढ़ी भी देश की सेवा में पीछे नहीं है। मेजर जनरल दिनेश बिष्ट, जो सुरेश बिष्ट के भाई हैं, वर्तमान में सेना में कार्यरत हैं और उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल और सेना मेडल जैसे कई पुरस्कार मिल चुके हैं। परिवार के दो अन्य सदस्य कर्नल के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि भतीजा और भतीजी वर्तमान में सेना में मेजर और लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर कार्यरत हैं।
“देश की रक्षा अब सर्वोच्च प्राथमिकता”
बिष्ट परिवार का कहना है कि अब भारत की नीति स्पष्ट है – अगर कोई भी देश भारत की ओर गलत निगाह से देखेगा, तो उसे माकूल जवाब मिलेगा। सुरेश बिष्ट ने कहा, “हमारी सेना ने जो किया, उससे हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है। यह सिर्फ जवाब नहीं था, यह भारत की नई नीति का परिचय था – कड़े फैसले, साफ संदेश।”
चमोली के इस सैन्य परंपरा से जुड़े परिवार की भावना भारत की नई सोच को दर्शाती है – साहस, दृढ़ता और सम्मान की रक्षा किसी भी कीमत पर।