देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को देहरादून स्थित मुख्य सेवक सदन में “शहर से संवाद” कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के नगर निकाय जनप्रतिनिधियों को सशक्त और प्रेरणादायक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि अपने पद को केवल अधिकार या प्रतिष्ठा का प्रतीक न मानें, बल्कि इसे जनसेवा का सशक्त माध्यम बनाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि विकास योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और इसमें नगर निकायों की भूमिका बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय सिर्फ प्रशासनिक इकाई न रह जाएं, बल्कि आम जनता की समस्याओं के समाधान के केंद्र बनें जहां हर नागरिक बिना डर और झिझक के पहुंच सके।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख, पारदर्शिता की वकालत
सीएम धामी ने जनप्रतिनिधियों से भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अधिकारी और कर्मचारी इस बात को भलीभांति समझें कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार सहन नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि जनप्रतिनिधि खुद निगरानी करें, खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां गड़बड़ियों की संभावना ज्यादा होती है।
महिला सशक्तिकरण के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए तीन नए वेब पोर्टलों की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि इन पोर्टलों से महिलाएं स्वरोजगार के नए अवसर पा सकेंगी। इसके साथ ही उन्होंने नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में हाईटेक हेयर सैलून व ब्यूटी पार्लर खोलने हेतु महिलाओं व युवाओं को प्रशिक्षण देने की योजना की घोषणा की।
शहरी विकास के लिए डिजिटल और संरचित योजनाएं
मुख्यमंत्री ने निकाय कार्यालयों को डिजिटल बनाने, वेंडिंग जोन स्थापित करने और “रजत जयंती पार्क” जैसी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे शहरी सौंदर्यीकरण को नई दिशा मिलेगी और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
जनप्रतिनिधियों को सेवा धर्म निभाने का आग्रह
कार्यक्रम के समापन पर मुख्यमंत्री ने दोहराया कि जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी केवल पद पर बने रहना नहीं, बल्कि जनता की सेवा करना है। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे पूरी ईमानदारी, पारदर्शिता और समर्पण भाव से कार्य करें ताकि उत्तराखंड को सुशासन और विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके।