CAG ने उजागर की प्रतिपूरक वनीकरण निधि में वित्तीय अनियमितता
देहरादून: भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड में वनीकरण और पर्यावरण संरक्षण के लिए आवंटित धनराशि का दुरुपयोग किया गया। इस फंड से पौधारोपण और पारिस्थितिकीय संरक्षण की बजाय iPhone, लैपटॉप और भवन नवीनीकरण पर खर्च किया गया। इस घोटाले ने सरकारी वित्तीय प्रबंधन और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रतिपूरक वनीकरण निधि का दुरुपयोग
हाल ही में प्रस्तुत की गई CAG रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड वन विभाग ने प्रतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (CAMPA) के अंतर्गत प्राप्त धन को गलत तरीकों से खर्च किया। इस निधि का उद्देश्य वनों की कटाई से हुए नुकसान की भरपाई के लिए नए पेड़ लगाना और पर्यावरण संतुलन बनाए रखना था, लेकिन इसके बजाय इस धन का उपयोग महंगे मोबाइल फोन, लैपटॉप और सरकारी कार्यालयों के नवीनीकरण पर किया गया।
CAG की जांच में पाया गया कि कई लेन-देन में यह राशि उन वस्तुओं और सेवाओं पर खर्च की गई, जिनका वन संरक्षण से कोई संबंध नहीं था। रिपोर्ट में इसे CAMPA दिशानिर्देशों का उल्लंघन बताया गया, जो स्पष्ट रूप से यह निर्धारित करते हैं कि यह फंड केवल वनीकरण और पर्यावरणीय संरक्षण गतिविधियों के लिए उपयोग किया जाना चाहिए।
CAMPA दिशानिर्देशों का उल्लंघन
CAMPA निधि को विकास परियोजनाओं के कारण हुई वनों की कटाई की भरपाई के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उद्देश्य नए पेड़ लगाना, वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरणीय सुधार कार्य करना होता है। हालांकि, CAG रिपोर्ट में पाया गया कि इस फंड का एक बड़ा हिस्सा प्रशासनिक खर्चों, कार्यालय नवीनीकरण और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की खरीद पर खर्च कर दिया गया।
पर्यावरणविदों और विपक्षी दलों ने उत्तराखंड सरकार की इस लापरवाही पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इस अनियमितता की गहन जांच और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सरकार की प्रतिक्रिया और संभावित कार्रवाई
CAG रिपोर्ट के बाद, राज्य सरकार ने मामले की जांच कराने और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया है। वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे ऑडिट रिपोर्ट में उल्लिखित खर्चों की समीक्षा कर रहे हैं और यदि कोई वित्तीय अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस तरह की वित्तीय लापरवाही वनीकरण योजनाओं को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है, खासकर उत्तराखंड जैसे भूस्खलन और पर्यावरणीय क्षति से जूझ रहे राज्य में। उन्होंने CAMPA निधि के उपयोग की कड़ी निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की है।
CAG की इस रिपोर्ट ने भारत में पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों की पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर एक व्यापक बहस छेड़ दी है। इसने यह आवश्यक बना दिया है कि पर्यावरणीय निधियों के उपयोग की सख्त निगरानी की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं को रोका जा सके।