देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधारों को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए। बैठक में कुल 12 प्रस्तावों पर सहमति बनी, जिनमें हाइब्रिड वाहनों को टैक्स से छूट देने से लेकर बदरीनाथ धाम में भव्य कलाकृतियों के निर्माण तक के महत्वपूर्ण निर्णय शामिल हैं।
हाइब्रिड वाहनों पर टैक्स नहीं लगेगा
कैबिनेट के फैसले के अनुसार, उत्तराखंड में अब हाइब्रिड वाहनों को टैक्स से पूरी तरह छूट दी जाएगी। पहले इन गाड़ियों पर टैक्स लागू था, लेकिन अब निजी हाइब्रिड वाहन मालिकों को इसका फायदा मिलेगा। इससे राज्य में पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को प्रोत्साहन मिलेगा और प्रदूषण कम करने की दिशा में यह एक अहम कदम माना जा रहा है।
बदरीनाथ में बनेगी भव्य धार्मिक संरचनाएं
बैठक में बदरीनाथ मास्टर प्लान से जुड़ी चार योजनाओं को स्वीकृति दी गई। इनमें प्रमुख रूप से:
- लेक फ्रंट क्षेत्र में “शेष नेत्र लोटस बॉल” का निर्माण,
- अराइवल प्लाजा में “सुदर्शन चक्र” की स्थापना,
- बद्रीनारायण चौक पर “ट्री एंड रिवर स्कल्पचर” और
- अन्य धार्मिक कलाकृतियों को शामिल किया गया है।
इन कलाकृतियों से बदरीनाथ धाम का धार्मिक और सांस्कृतिक वैभव और भी अधिक प्रभावशाली होगा।
मानवाधिकार आयोग को मिलेगा नया ढांचा
कैबिनेट ने उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग में 12 नए पदों के सृजन की मंजूरी दी है। यह पद आयोग की कार्यकुशलता को बढ़ाने और लंबित मामलों के त्वरित निस्तारण में मदद करेंगे।
भर्ती प्रक्रियाओं में सुधार
उत्तराखंड वर्दीधारी सिपाही और उपनिरीक्षक के पदों की परीक्षाएं अब एक साथ कराए जाने का फैसला हुआ है। साथ ही, सब इंस्पेक्टर स्तर की अन्य भर्तियां भी एक ही परीक्षा के माध्यम से होंगी, जिससे युवाओं को सरल और पारदर्शी प्रक्रिया मिलेगी।
फॉरेंसिक विभाग को मिला स्वतंत्र दर्जा
अब तक पुलिस मुख्यालय के अधीन कार्य कर रहे फॉरेंसिक विभाग को स्वतंत्र विभाग का दर्जा देने का फैसला लिया गया है। इसके तहत विभागाध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी और विभाग को प्रशासनिक स्वायत्तता दी जाएगी।
पेंशन और सेवा नीति में परिवर्तन
कैबिनेट ने न्यू पेंशन योजना (NPS) में शामिल कर्मचारियों को ग्रेजुटी का लाभ देने के लिए पुरानी पेंशन योजना से जोड़ने का निर्णय लिया है। वहीं, वर्ष 2013 में विनियमित किए गए शहरी विकास विभाग के कर्मचारियों के आश्रितों को मृतक आश्रित नियमावली में शामिल करने का भी प्रस्ताव पारित किया गया।