नानकमत्ता। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नानकमत्ता में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित जनजाति गौरव दिवस समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने क्षेत्रीय विकास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
₹9.68 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास – ₹1 करोड़ से निर्मित भवन का लोकार्पण
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने
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₹9.68 करोड़ की लागत से बनने वाले महाराणा प्रताप राजकीय महाविद्यालय, नानकमत्ता का शिलान्यास किया।
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साथ ही नगर निकाय श्री नानकमत्ता के ₹1 करोड़ की लागत से निर्मित भवन का लोकार्पण भी किया।
मुख्यमंत्री ने की सात महत्वपूर्ण घोषणाएं
जनजाति गौरव दिवस पर मुख्यमंत्री ने नानकमत्ता एवं आसपास के क्षेत्रों के लिए विकास से जुड़ी सात प्रमुख घोषणाएं कीं:
मुख्यमंत्री की घोषणाएं:
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साधु नगर स्थित कैलाश नदी पर पुल का निर्माण।
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राय सिख भवन हेतु धनराशि अवमुक्त करना।
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नानकमत्ता बांध को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करना।
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सनातन धर्म उत्थान समिति भवन एवं मंदिर निर्माण के लिए धनराशि प्रदान करना।
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ज्ञानपुर–बरकीडण्डी–औदली, डोहरी–एस्था बी, देवीपुरा–गिधौर परसैनि–बैलपड़ाव सड़क मार्ग का डामरीकरण।
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पर्वतीय उत्थान समिति हेतु अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए राशि उपलब्ध कराना।
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खटीमा के नवनिर्मित बस स्टेशन का नाम महाराणा प्रताप बस स्टेशन रखना।
भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को किया स्मरण
मुख्यमंत्री धामी ने भगवान बिरसा मुंडा को नमन करते हुए कहा—
“जनजाति गौरव दिवस हमारे जनजाति समाज की गौरवशाली परंपरा, संघर्ष, बलिदान और राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य योगदान को स्मरण करने का अवसर है। भगवान बिरसा मुंडा साहस, स्वाभिमान और स्वतंत्रता के सच्चे प्रतीक हैं।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय ऐतिहासिक है।
प्रधानमंत्री द्वारा लगभग ₹200 करोड़ की लागत से देशभर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों का निर्माण कर जनजातीय संस्कृति को सम्मान दिया गया है।
आदिवासी समाज के लिए केंद्र सरकार की पहल
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पहली बार देश में:
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एकलव्य मॉडल स्कूल
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प्रधानमंत्री जनजाति उन्नत ग्राम अभियान
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वन-धन योजना
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प्रधानमंत्री जनजाति विकास मिशन
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कृषि एवं पशुपालन से जुड़ी योजनाएं
तेजी से जनजातीय समाज को मुख्यधारा से जोडने का कार्य कर रही हैं।
उत्तराखण्ड में जनजाति विकास की स्थिति
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार भी जनजाति समुदाय के उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है:
शिक्षा एवं संस्थानों का विस्तार
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उत्तराखण्ड में चार आवासीय एकलव्य विद्यालय (कालसी, मेहरवाना, बाजपुर, खटीमा) संचालित।
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चकराता व बाजपुर में नए विद्यालयों का निर्माण तेज गति से जारी।
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प्राथमिक से स्नात्तकोत्तर तक छात्रवृत्ति दी जा रही है।
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राज्य में 16 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित हो रहे हैं।
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जनजाति समाज के युवाओं के लिए तीन आईटीआई कॉलेज चालू।
अन्य कल्याणकारी कदम
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प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग और स्कॉलरशिप।
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बेटियों के विवाह हेतु ₹50,000 की आर्थिक सहायता।
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जनजाति शोध संस्थान के लिए ₹1 करोड़ का कॉर्पस फंड।
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प्रतिवर्ष जनजाति महोत्सव और खेल महोत्सव का आयोजन।
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उत्तराखण्ड के 128 जनजाति गांवों का चयन, जहां बुनियादी सुविधाओं पर विशेष फोकस।
कार्यक्रम में मौजूद रहे जनप्रतिनिधि व अधिकारी
इस अवसर पर विधायक गोपाल सिंह राणा, पूर्व विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा, जिलाध्यक्ष कमल जिंदल, नगर पंचायत अध्यक्ष प्रेम सिंह टूरना सहित जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा उपस्थित रहे।




