देहरादून: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। 23 जनवरी को मतदान होगा और मतगणना 25 जनवरी से शुरू होगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं।
चुनावी प्रचार का अंतिम दौर
निकाय चुनाव के मद्देनजर 21 जनवरी की शाम 5 बजे चुनाव प्रचार थम जाएगा। इसके बाद उम्मीदवार केवल डोर-टू-डोर प्रचार कर सकेंगे। 100 नगर निकायों के 1282 वार्डों में चुनाव हो रहे हैं। इन वार्डों में कुल 1515 मतदान केंद्र और 3394 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं।
मतदाताओं की संख्या और श्रेणी
इस चुनाव में कुल 30,29,028 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 15,62,349 पुरुष, 14,66,151 महिलाएं और 528 अन्य मतदाता शामिल हैं।
संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों की संख्या
राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान केंद्रों और पोलिंग बूथों को उनकी संवेदनशीलता के आधार पर वर्गीकृत किया है। कुल 588 मतदान केंद्र और 1290 पोलिंग बूथ संवेदनशील जबकि 419 मतदान केंद्र और 1043 पोलिंग बूथ अति संवेदनशील श्रेणी में रखे गए हैं।
महत्वपूर्ण जिले और पोलिंग बूथ विवरण
- देहरादून: 379 संवेदनशील, 302 अति संवेदनशील बूथ।
- उधमसिंह नगर: 279 संवेदनशील, 229 अति संवेदनशील बूथ।
- हरिद्वार: 197 संवेदनशील, 207 अति संवेदनशील बूथ।
- नैनीताल: 124 संवेदनशील, 185 अति संवेदनशील बूथ।
- पिथौरागढ़: 36 संवेदनशील, 24 अति संवेदनशील बूथ।
इन क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं ताकि मतदाता निर्भीक होकर मतदान कर सकें।
राज्यपाल की घोषणा: सार्वजनिक अवकाश
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने 23 जनवरी को प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है, ताकि मतदाता बिना किसी बाधा के अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें।
मतदाताओं की जिलेवार संख्या
- देहरादून: 9,98,231 (485103 महिलाएं, 513080 पुरुष)।
- हरिद्वार: 5,87,127 (279924 महिलाएं, 307053 पुरुष)।
- उधमसिंह नगर: 5,67,684 (274370 महिलाएं, 293107 पुरुष)।
- नैनीताल: 3,43,824 (168084 महिलाएं, 175704 पुरुष)।
वेबकास्टिंग और सुरक्षा व्यवस्थाएं
मतगणना प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है। साथ ही, संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाएगी।
निष्कर्ष:
उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव का माहौल चरम पर है। निर्वाचन आयोग और प्रशासन की ओर से सभी व्यवस्थाएं पूरी की जा रही हैं ताकि लोकतंत्र के इस पर्व को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराया जा सके।