गैरसैंण (उत्तराखंड), 20 जून 2025: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर वैश्विक मंच पर सुर्खियों में है। इस खास अवसर पर आठ देशों के दस राजनयिक और उच्च स्तरीय प्रतिनिधि भराड़ीसैंण पहुंचे हैं। इनमें से कई प्रतिनिधि पहली बार उत्तराखंड आए हैं और उन्होंने न सिर्फ योग कार्यक्रम में भाग लेने की रुचि दिखाई, बल्कि राज्य की संस्कृति, सौंदर्य और विरासत से भी गहराई से प्रभावित हुए।
राजनयिकों का पारंपरिक अंदाज में स्वागत
शुक्रवार दोपहर, कार्यक्रम के एक दिन पहले सभी विदेशी प्रतिनिधि उत्तराखंड विधानसभा परिसर, भराड़ीसैंण पहुंचे। यहां उनका स्वागत उत्तराखंडी परंपरा के अनुसार छोलिया नृत्य और लोक वाद्य यंत्रों की धुनों पर किया गया। इस जीवंत स्वागत ने विदेशी मेहमानों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रतिनिधियों ने नृत्य कलाकारों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं और राज्य की सांस्कृतिक संपन्नता की खुलकर सराहना की।
प्राकृतिक सौंदर्य से प्रभावित हुए अतिथि
गैरसैंण की हरियाली, पहाड़ी वादियां और स्वच्छ वातावरण विदेशी मेहमानों के लिए एक यादगार अनुभव बन गया। सभी ने क्षेत्र की प्राकृतिक संपदा को अद्वितीय बताते हुए कहा कि यहां का शांत और स्वास्थ्यवर्धक माहौल योग के लिए आदर्श है। उन्होंने भराड़ीसैंण को भविष्य में अंतरराष्ट्रीय योग और पर्यटन स्थल के रूप में देखने की आशा भी जताई।
प्रतिनिधियों की सूची में शामिल हैं:
- मेक्सिको के राजदूत फेडेरिको सालास
- आर्थिक मामलों के प्रमुख रिकार्डो डेलगाडो
- फिजी के उच्चायुक्त जगन्नाथ सामी
- नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा
- सूरीनाम के राजदूत अरुणकोमर हार्डियन
- मंगोलिया के राजदूत डंबाजाविन गैंबोल्ड
- लातविया दूतावास के उप मिशन प्रमुख मार्क्स डीतॉन्स
- श्रीलंका दूतावास के लक्ष्मेंद्र डिसनायके
- रूस से क्रिस्टिना अनानीना और कैटरीना लज़ारेवा
योग दिवस कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियों की भागीदारी
इस ऐतिहासिक आयोजन में योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण की उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा और बढ़ गई है। साथ ही, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गैरसैंण में कार्यक्रम में भाग लेंगे। राजधानी देहरादून में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुलिस लाइन स्थित योग आयोजन में शिरकत करेंगी।
इस अंतरराष्ट्रीय सहभागिता ने योग दिवस को केवल एक स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और कूटनीतिक मंच का रूप दे दिया है। गैरसैंण की यह पहल भविष्य में उत्तराखंड को विश्व योग मानचित्र पर और अधिक मजबूती से स्थापित कर सकती है।