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दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा न्यायिक कार्यों से हटाए गए, आवास से नकदी बरामदगी पर सुप्रीम कोर्ट ने बनाई जांच समिति

Delhi High Court judge Yashwant Verma removed from judicial duties, on recovery of cash from his residence

हाईकोर्ट के फैसले के बाद न्यायिक जिम्मेदारियों से हटाए गए जस्टिस वर्मा

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा को उनके न्यायिक कार्यों से हटा दिया गया है। हाईकोर्ट की अपडेटेड कॉज लिस्ट के अनुसार, अगले आदेश तक उन्हें कोई केस आवंटित नहीं किया जाएगा। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत लिया गया, जिसमें उनके आवास से नकदी बरामद होने की हालिया घटना को ध्यान में रखा गया है।

आवास पर छापे के दौरान मिली नकदी, जस्टिस वर्मा ने साजिश का दावा किया

14 मार्च 2025 को जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास पर आग लगने की एक रहस्यमयी घटना हुई, जिसके बाद वहां बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की गई। इस घटना के बाद से मामला तूल पकड़ चुका है। हालांकि, जस्टिस वर्मा ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया और इसे उनके खिलाफ एक साजिश बताया। उन्होंने कहा कि नकदी का उनके या उनके परिवार के किसी भी सदस्य से कोई संबंध नहीं है

सुप्रीम कोर्ट ने किया ट्रांसफर पर स्पष्टीकरण जारी

सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च को एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर किए जाने का इस विवाद से कोई लेना-देना नहीं है। इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने इस मामले की एक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी

दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने की गहन जांच की मांग

दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने रिपोर्ट में कहा कि प्रथम दृष्टया यह मामला गंभीर है और इसकी गहन जांच की जानी चाहिए। जस्टिस वर्मा ने अपने जवाब में कहा कि जिस कमरे में आग लगी और जहां नकदी मिली, वह उनके आवास का मुख्य हिस्सा नहीं था

सुप्रीम कोर्ट ने बनाई तीन सदस्यीय जांच समिति

मामले की गंभीरता को देखते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने तीन वरिष्ठ न्यायाधीशों की एक समिति गठित की है। इस समिति में शामिल हैं:

  • शील नागू (मुख्य न्यायाधीश, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट)
  • जीएस संधावालिया (मुख्य न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट)
  • जस्टिस अनु शिवरामन (जज, कर्नाटक हाईकोर्ट)

क्या होगा आगे?

अब यह समिति मामले की जांच कर सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। फिलहाल, जस्टिस यशवंत वर्मा को न्यायिक जिम्मेदारियों से हटा दिया गया है, और पूरे मामले पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

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