उत्तराखंड

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में रोप-वे विकास संचालन समिति की बैठक, छह प्रमुख प्रोजेक्ट्स पर होगा फोकस

प्रदेश में रोप-वे विकास को गति देने हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संचालन समिति की महत्वपूर्ण बैठक

मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में प्रदेश में रोप-वे विकास के लिए गठित संचालन समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान प्रदेश में रोप-वे निर्माण को लेकर कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

मुख्य सचिव ने कहा कि रोप-वे विकास समिति की प्रथम बोर्ड बैठक इस माह के अंत तक अनिवार्य रूप से आयोजित कर ली जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सचिव पर्यटन समिति के सदस्य सचिव होंगे तथा एनएचएलएमएल को एसपीवी का सीईओ एक सप्ताह में नियुक्त किया जाए, ताकि दिसंबर अंत तक बोर्ड बैठक संपन्न हो सके।


सभी रोप-वे प्रस्तावों को समिति की स्वीकृति अनिवार्य

मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में बनने वाले सभी रोप-वे प्रस्तावों को संचालन समिति से अनिवार्य रूप से स्वीकृति लेना होगा ताकि विभिन्न एजेंसियों द्वारा तैयार हो रहे प्रोजेक्ट्स में डुप्लीकेसी रोकी जा सके

उन्होंने निर्देश दिए कि आने वाले 5–10 वर्षों में विकसित होने वाले नए पर्यटक स्थलों, मार्गों के विस्तारीकरण और आधारभूत सुविधाओं हेतु अभी से रोडमैप तैयार किया जाए। बैठक में उत्तराखण्ड रोप-वे विकास लिमिटेड के रोडमैप पर भी विस्तृत चर्चा हुई।


प्रदेश में 50 रोप-वे प्रस्तावित, 6 को प्राथमिकता

बैठक में बताया गया कि प्रदेश सरकार ने राज्यभर से 50 रोप-वे प्रस्तावित किए हैं, जिनमें से 6 प्रमुख प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता के आधार पर चयनित किया गया है।

🔹 प्राथमिकता वाले 6 रोप-वे प्रोजेक्ट्स

  • सोनप्रयाग – केदारनाथ (कार्य आवंटित)

  • गोविन्दघाट – हेमकुण्ट साहिब (कार्य आवंटित)

  • काठगोदाम – हनुमानगढ़ी मंदिर (अनुमोदन के चरण में)

  • कनकचौरी – कार्तिक स्वामी (डीपीआर निर्माणाधीन)

  • रैथल बारसू – बरनाला (निविदा प्रक्रिया प्रगति पर)

  • जोशीमठ – औली – गौरसों (डीपीआर हेतु निविदा प्रक्रिया जारी)

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रारंभ में इन छह प्रोजेक्ट्स पर ही फोकस किया जाए।


केदारनाथ व हेमकुण्ट रोप-वे के लिए टाइमलाइन व पर्ट चार्ट तैयार करने के निर्देश

मुख्य सचिव ने सोनप्रयाग–केदारनाथ एवं गोविन्दघाट–हेमकुण्ट साहिब रोप-वे प्रोजेक्ट्स की प्रत्येक स्टेज की टाइमलाइन और PERT चार्ट तैयार करने के निर्देश दिए।
उन्होंने वन एवं वन्यजीव विभाग की स्वीकृति प्रक्रियाओं को भी तेज गति से आगे बढ़ाने पर जोर दिया।


मशीनरी परिवहन, सड़क विस्तार और सेतु मजबूती पर जोर

उन्होंने कहा कि रोप-वे निर्माण के लिए हैवी मशीनरी को निर्माण स्थल तक पहुँचाना एक बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए:

  • सड़कों का टर्निंग रेडियस बढ़ाया जाए

  • पुलों की मजबूती के लिए कदम उठाए जाएं

  • आवश्यक मार्ग सुधार कार्य समय रहते शुरू किए जाएं


कैंची धाम को भी प्रोजेक्ट योजना में शामिल करने के निर्देश

काठगोदाम–हनुमानगढ़ी प्रोजेक्ट में कैंची धाम को भी शामिल करने के निर्देश दिए गए। लगातार बढ़ती श्रद्धालु संख्या को देखते हुए यहां रोप-वे प्रोजेक्ट की संभावनाओं का विस्तार से अध्ययन करने को कहा गया।


बैठक में उपस्थित अधिकारी

सचिव श्री दिलीप जावलकर, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, श्री धीराज सिंह गर्ब्याल, अपर सचिव श्री अभिषेक रूहेला एवं एनएचएलएमएल से श्री प्रशांत जैन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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