देहरादून, 19 जून 2025: भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के उत्तराखंड आगमन पर गुरुवार को देहरादून स्थित जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया। जैसे ही राष्ट्रपति विशेष विमान से उत्तराखंड की धरती पर पहुंचीं, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका औपचारिक अभिनंदन किया।
राष्ट्रपति के स्वागत के इस अवसर पर केंद्र और राज्य सरकार के कई प्रमुख नेता एवं प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। राज्यसभा सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी और डॉ. धन सिंह रावत ने राष्ट्रपति का सादर अभिवादन किया।
प्रशासनिक स्तर पर उच्चस्तरीय तैयारियां
राष्ट्रपति की यात्रा को लेकर प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरती। मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ, जिलाधिकारी देहरादून श्री सविन बंसल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने एयरपोर्ट पर सभी तैयारियों की निगरानी करते हुए राष्ट्रपति का स्वागत किया। सुरक्षा व्यवस्था को बहुस्तरीय और मजबूत बनाते हुए राज्य प्रशासन ने हर पहलू पर नजर बनाए रखी।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
राष्ट्रपति के आगमन को लेकर एयरपोर्ट से लेकर उनके निवास स्थल तक पूरे मार्ग को सुरक्षा घेरे में रखा गया था। डॉग स्क्वॉड, बम निरोधक दस्ते और क्यूआरटी (त्वरित प्रतिक्रिया टीम) की तैनाती के साथ-साथ स्थानीय पुलिस बल भी सक्रिय रहा। साथ ही, महिला सुरक्षा कर्मियों को भी विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया था।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति के दौरे को बताया ऐतिहासिक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर को राज्य के लिए गौरव का क्षण बताते हुए कहा कि राष्ट्रपति का उत्तराखंड आगमन न केवल सम्मान की बात है, बल्कि यह राज्य के विकास और सांस्कृतिक प्रोत्साहन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति विभिन्न सामाजिक व शैक्षणिक कार्यक्रमों में भाग लेंगी, जिससे जनता को मार्गदर्शन और प्रेरणा प्राप्त होगी।
राज्य के लिए महत्वपूर्ण अवसर
राष्ट्रपति मुर्मु की यह यात्रा उत्तराखंड के लिए एक नई ऊर्जा और पहचान लेकर आई है। यह न केवल राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे राज्य की जनता के बीच प्रशासन के प्रति भरोसा और जुड़ाव भी और अधिक सशक्त होगा।
इस ऐतिहासिक यात्रा को यादगार बनाने के लिए राज्य सरकार और प्रशासन ने हर स्तर पर प्रयास किए हैं। राष्ट्रपति के इस दौरे से उत्तराखंड को राष्ट्रीय पटल पर एक नई पहचान मिलने की उम्मीद की जा रही है।