पीएम मोदी ने किया रायसीना डायलॉग का उद्घाटन
नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रायसीना डायलॉग 2024 का शुभारंभ किया। यह सम्मेलन 19 मार्च तक चलेगा और इसमें 125 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस बार न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन मुख्य अतिथि हैं।
रायसीना डायलॉग: भारत का प्रमुख वैश्विक मंच
रायसीना डायलॉग भारत का सबसे प्रतिष्ठित भू-राजनीतिक और भू-अर्थशास्त्र सम्मेलन है, जिसकी शुरुआत 2016 में हुई थी। यह मंच दुनिया भर के नीति-निर्माताओं, राजनयिकों और विशेषज्ञों को एक साथ लाता है, ताकि वैश्विक चुनौतियों के समाधान पर विचार किया जा सके।
इस साल का विषय “कालचक्र” रखा गया है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय राजनीति, व्यापार और सुरक्षा के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हो रही है।
यूएस एड पर चर्चा: ट्रंप प्रशासन के फैसले का असर
संवाद के पहले ही दिन यूएस एड (USAID) को लेकर तीखी बहस हुई।
- अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस सहायता को बेकार खर्च करार दिया था और इस पर रोक लगा दी थी।
- ट्रंप का आरोप था कि यूएस एड के माध्यम से अन्य देशों को फायदा पहुंचता था, लेकिन अमेरिका को कोई प्रत्यक्ष लाभ नहीं हुआ।
- कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इस मदद का उपयोग अमेरिका ने अन्य देशों की राजनीति में हस्तक्षेप के लिए किया।
वैश्विक संघर्षों पर चर्चा: रूस-यूक्रेन, इजराइल-हमास युद्ध
रायसीना डायलॉग में अंतरराष्ट्रीय संकटों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
- रूस-यूक्रेन युद्ध: इस संघर्ष के प्रभावों और समाधान पर चर्चा हुई।
- इजराइल-हमास टकराव: मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने के प्रयासों पर विचार हुआ।
- वैश्विक व्यापार और टैरिफ नीतियां: अमेरिका और यूरोपीय देशों की नीतियों से जुड़े आर्थिक मुद्दे उठाए गए।
भारत की कूटनीति को नया मोड़
विशेषज्ञों का मानना है कि रायसीना डायलॉग भारत को अपनी वैश्विक नीति स्पष्ट करने और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने का अवसर देता है।
- भारत यह भी परखता है कि कौन से देश उसके करीब हैं और कौन से उसकी नीतियों से असहमत हैं।
- इस वर्ष चीन की भागीदारी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
भारत-चीन संबंधों में सुधार के संकेत?
संवाद के दौरान चीनी सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की।
- पीएम मोदी ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में भारत-चीन संबंधों पर टिप्पणी की थी, जिसे चीनी मीडिया ने सकारात्मक संकेत के रूप में लिया।
- विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और कूटनीतिक संबंध बेहतर करने का यह एक अवसर हो सकता है।
भारत-कनाडा संबंधों में बदलाव की संभावना
रायसीना डायलॉग में कनाडा के प्रतिनिधि भी शामिल हुए, जिससे भारत-कनाडा संबंधों में सुधार की उम्मीद बढ़ गई है।
- कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कारण भारत और कनाडा के बीच संबंधों में खटास आई थी।
- कनाडा के नए प्रधानमंत्री भारत के साथ रिश्तों को सुधारने के इच्छुक हैं।
- इस संवाद के जरिए व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश हो सकती है।
भारत-न्यूजीलैंड संबंधों को नया आयाम: पीएम लक्सन
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने भारत-न्यूजीलैंड संबंधों को लेकर सकारात्मक बयान दिया।
भारत-न्यूजीलैंड के बीच सहयोग के पांच प्रमुख बिंदु:
- रक्षा सहयोग: दोनों देश सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देंगे।
- हवाई संपर्क: द्विपक्षीय यात्रा को सुगम बनाने के लिए उड़ानों में बढ़ोतरी की जाएगी।
- वैज्ञानिक अनुसंधान: भारत और न्यूजीलैंड विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहयोग को मजबूत करेंगे।
- व्यापार और निवेश: मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर चर्चा की जाएगी।
- शिक्षा और सांस्कृतिक संबंध: दोनों देशों के नागरिकों के बीच आपसी आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया जाएगा।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की अहम भूमिका
पीएम लक्सन ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को वैश्विक आर्थिक विकास का केंद्र बताते हुए कहा—
- “आने वाले वर्षों में वैश्विक आर्थिक विकास का दो-तिहाई हिस्सा इसी क्षेत्र से आएगा।”
- भारत इस क्षेत्र में रणनीतिक और आर्थिक रूप से एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभर रहा है।
भारतीय लोकतंत्र की सराहना
लक्सन ने भारत के लोकतांत्रिक प्रणाली और चुनावी प्रक्रिया की तारीफ करते हुए कहा—
- “यह प्रेरणादायक है कि भारत ने इतिहास के सबसे बड़े चुनावों में 65 करोड़ से अधिक मतदाताओं की भागीदारी देखी।”
- उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी तकनीकें दुनिया में बड़ा बदलाव लाने वाली हैं और भारत इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
रायसीना डायलॉग 2024 भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और भू-राजनीतिक रणनीतियों को मजबूत करने का एक अहम मंच साबित हो रहा है।
- भारत को चीन और कनाडा के साथ अपने संबंध सुधारने का मौका मिल सकता है।
- रूस-यूक्रेन, इजराइल-हमास और वैश्विक व्यापारिक नीतियों जैसे ज्वलंत मुद्दों पर गंभीर चर्चाएं हुईं।
- भारत-न्यूजीलैंड संबंधों में नई संभावनाएं बनी हैं।
अब देखने वाली बात यह होगी कि इस संवाद से निकलने वाले विचार और प्रस्ताव आने वाले समय में वैश्विक राजनीति और कूटनीति को किस दिशा में आगे बढ़ाते हैं।