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जोमैटो और स्विगी ने हटाया बारिश के दौरान सर्ज चार्ज माफ़ी का लाभ, लॉयल्टी मेंबर्स को भी देना होगा अतिरिक्त भुगतान

Zomato and Swiggy removed the benefit of surge charge waiver during rain, loyalty members will also have to pay extra

नई दिल्ली: फूड डिलीवरी सेक्टर की दिग्गज कंपनियां जोमैटो (अब इटरनल) और स्विगी ने अपने लॉयल्टी प्रोग्राम ग्राहकों के लिए एक बड़ा बदलाव करते हुए बारिश के दौरान सर्ज चार्ज माफी को खत्म कर दिया है। अब जोमैटो गोल्ड और स्विगी वन के सदस्य भी सामान्य ग्राहकों की तरह बारिश के समय अतिरिक्त चार्ज का भुगतान करेंगे। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब दोनों कंपनियां मुनाफा बढ़ाने के लिए निवेशकों के दबाव का सामना कर रही हैं।

लॉयल्टी प्रोग्राम में बड़ा बदलाव

अब तक, जोमैटो गोल्ड और स्विगी वन के सदस्यों को सर्ज चार्ज से छूट दी जाती थी, जो उन्हें अन्य यूजर्स की तुलना में बेहतर सेवा और मूल्य प्रदान करती थी। लेकिन हाल ही में किए गए ऐप अपडेट के अनुसार, इन सदस्यों को अब गैर-सदस्यों के समान ही माना जाएगा। इसका मतलब है कि लॉयल्टी प्रोग्राम के लिए अतिरिक्त नामांकन शुल्क देने के बावजूद, उन्हें बारिश या अन्य व्यस्त समय में अतिरिक्त शुल्क देना होगा। इससे उपभोक्ताओं में नाराजगी देखने को मिल सकती है, खासकर उन ग्राहकों में जो पहले विशेष लाभ के लिए इन प्रोग्राम्स में शामिल हुए थे।

कमाई बढ़ाने की रणनीति के तहत उठाया गया कदम

जोमैटो और स्विगी, दोनों कंपनियां लाभप्रदता सुधारने की कोशिशों में जुटी हैं। निवेशकों के दबाव और बाजार प्रतिस्पर्धा के चलते दोनों ही कंपनियां अपने प्रॉफिट मार्जिन को मजबूत करने के लिए ऑपरेशनल स्तर पर बदलाव कर रही हैं। कंपनी के इस कदम को लागत नियंत्रण और रेवेन्यू बढ़ाने की दिशा में देखा जा रहा है।

चौथी तिमाही में दोनों कंपनियों का प्रदर्शन

इटरनल (जोमैटो) ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में 78 फीसदी की गिरावट के साथ मात्र 59 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछली तिमाही में 175 करोड़ रुपये था। वहीं स्विगी की स्थिति और भी कमजोर रही। कंपनी ने Q4FY25 में 1,081.18 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जो पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले 94% अधिक है। इससे स्विगी की वित्तीय चुनौतियों का अंदाजा लगाया जा सकता है।

कंपनियों के इस नए कदम से उपभोक्ताओं पर सीधा असर पड़ सकता है। जहां एक ओर वे लॉयल्टी प्रोग्राम के सदस्य होकर विशेष लाभ की उम्मीद करते हैं, वहीं दूसरी ओर इन बदलावों से उन्हें अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ेगा।

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