ई-कॉमर्स सेक्टर में लॉजिस्टिक्स सेवाएं प्रदान करने वाली XpressBees ने वित्तीय वर्ष 2023-24 (FY24) में स्थिर राजस्व वृद्धि के साथ EBITDA ब्रेकईवन हासिल किया है। हालांकि कुल खर्चों में इजाफा हुआ और नेट घाटा थोड़ा बढ़ा, लेकिन कंपनी का परिचालन प्रदर्शन बेहतर रहा।
राजस्व में मामूली बढ़ोतरी:
XpressBees का ऑपरेटिंग रेवेन्यू ₹2,831 करोड़ रहा, जो पिछले वित्तीय वर्ष ₹2,531 करोड़ था। यह 12% की सालाना वृद्धि है। कुल आय ₹2,940 करोड़ तक पहुंची, जिसमें ₹109 करोड़ गैर-ऑपरेशनल स्रोतों से आए। कंपनी का मुख्य कारोबार लॉजिस्टिक्स सेवाएं हैं, जिससे 97% आय होती है।
वेयरहाउसिंग से जबरदस्त उछाल:
FY23 में केवल ₹0.77 करोड़ का रेवेन्यू देने वाला वेयरहाउसिंग बिजनेस FY24 में ₹48 करोड़ तक पहुंच गया, जो 60 गुना की वृद्धि दर्शाता है। वहीं सपोर्ट सर्विस से कंपनी ने ₹31 करोड़ की कमाई की।
खर्चों में बढ़ोतरी, घाटा भी बढ़ा:
FY24 में XpressBees का कुल खर्च ₹3,143 करोड़ रहा, जो FY23 के ₹2,785 करोड़ की तुलना में 13% अधिक है।
- कूरियर चार्जेस: ₹1,816 करोड़
- लाइनहॉल चार्जेस: ₹494 करोड़
- कर्मचारियों के लाभ: ₹355 करोड़
- मूल्यह्रास: ₹159 करोड़ (49% की वृद्धि)
- अन्य संचालन खर्च: ₹319 करोड़
इन बढ़ते खर्चों के चलते कंपनी का नेट लॉस ₹200 करोड़ रहा, जबकि FY23 में यह ₹180 करोड़ था।
EBITDA में सकारात्मकता:
इसके बावजूद कंपनी ने ₹5 करोड़ का EBITDA दर्ज किया, जिससे संकेत मिलता है कि वह ऑपरेटिंग लेवल पर लाभ की दिशा में अग्रसर है। EBITDA मार्जिन 0.17% रहा, और ROCE -8.32% दर्ज किया गया।
विस्तार और अधिग्रहण:
XpressBees ने FY24 में Trackon Couriers का अधिग्रहण किया और उदय आर. शर्मा को B2B, 3PL और क्रॉस-बॉर्डर सेगमेंट का नया CBO नियुक्त किया।
वित्तीय स्थिति और निवेश:
कंपनी के पास ₹1,867 करोड़ की चालू परिसंपत्तियाँ हैं, जिनमें से ₹1,331 करोड़ नकद और बैंक खातों में हैं। TheKredible के मुताबिक, अब तक कंपनी ने $625 मिलियन जुटाए हैं और इसके प्रमुख निवेशकों में Alibaba Group और Norwest Venture Partners शामिल हैं।
कंपनी के CEO और को-फाउंडर अमिताभ साहा की हिस्सेदारी 3.15% है। FY24 का प्रदर्शन दिखाता है कि XpressBees अपनी सेवाओं के दायरे को मजबूत कर रही है और लाभप्रदता की ओर बढ़ रही है।