धनौल्टी तहसील में तैनात नाजिर वीरेंद्र सिंह कैंतुरा को विजिलेंस टीम ने 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी पर आरोप है कि उसने एक महिला की जमीन का दाखिल खारिज सिर्फ इसलिए रोक दिया था क्योंकि महिला ने उसे घूस देने से इनकार कर दिया था।
जनवरी में खरीदी गई थी जमीन, दाखिल खारिज नहीं हुआ
शिकायतकर्ता की पत्नी ने जनवरी 2025 में टिहरी जिले के थत्युड़-जौनपुर के छनाड़ गांव में 1500 वर्गमीटर भूमि खरीदी थी। नियमों के अनुसार दाखिल खारिज की प्रक्रिया समय से हो जानी चाहिए थी, लेकिन नाजिर ने जानबूझकर इसमें आपत्ति लगा दी, ताकि महिला से पैसे की मांग की जा सके।
महिला ने घूस देने से किया इनकार, की विजिलेंस में शिकायत
जब महिला ने रिश्वत देने से मना किया, तो नाजिर ने उनकी फाइल को अनावश्यक रूप से रोक दिया। महिला ने इस पूरे मामले की शिकायत विजिलेंस विभाग से की और न्याय की मांग की। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए विजिलेंस ने तुरंत एक्शन लिया।
ट्रैप ऑपरेशन में रंगे हाथ पकड़ा गया नाजिर
विजिलेंस निदेशक डॉ. वी. मुरूगेसन के निर्देशन में देहरादून सेक्टर की ट्रैप टीम ने मंगलवार को तहसील कार्यालय में छापा मारा। ऑपरेशन के दौरान नाजिर वीरेंद्र सिंह को महिला से 15 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया।
ऑफिस और घर की भी हुई तलाशी
गिरफ्तारी के तुरंत बाद विजिलेंस टीम ने नाजिर के कार्यालय और निजी आवास की तलाशी भी ली। इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। विजिलेंस अब पूरे मामले की गहन जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति
विजिलेंस निदेशक ने इस सफल कार्रवाई के लिए ट्रैप टीम को नकद इनाम देने की घोषणा की है। उन्होंने राज्य के नागरिकों से अपील की है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी उनसे रिश्वत मांगता है, तो तुरंत टोल फ्री नंबर 1064 या व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर विजिलेंस से संपर्क करें।
ईमानदार शिकायत से बड़ी कार्रवाई
यह मामला दर्शाता है कि यदि आम जनता भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाए और सही माध्यमों से शिकायत करे, तो प्रशासनिक तंत्र भ्रष्ट अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई कर सकता है। जनता की जागरूकता ही भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है।