देहरादून: उत्तराखंड के तीन बहादुर एनसीसी कैडेट्स ने 18 मई 2025 को माउंट एवरेस्ट की ऊंची चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है। इस उपलब्धि ने न केवल उनकी व्यक्तिगत मेहनत को सम्मानित किया है, बल्कि यह भारत के युवाओं के साहस और समर्पण का भी प्रतीक बनी है।
तीनों कैडेट्स का साहसिक सफर
इस अभियान में शामिल कैडेट्स हैं – वीरेन्द्र सामंत (29 उत्तराखंड बटालियन, देहरादून), मुकुल बंगवाल (4 उत्तराखंड बटालियन, पौड़ी) और सचिन कुमार (3 उत्तराखंड बटालियन, उत्तरकाशी)। इन तीनों ने अत्यंत कठिन परिश्रम और साहस के साथ माउंट एवरेस्ट की 8,848 मीटर ऊंची चोटी पर पहुंचकर यह साबित किया कि सीमाओं को पार करना कोई सपना नहीं बल्कि हकीकत बन सकती है।
एनसीसी का प्रेरणादायक अभियान
यह पर्वतारोहण एनसीसी के तहत आयोजित एक विशेष अभियान था, जिसका उद्देश्य युवाओं में नेतृत्व क्षमता, टीम भावना और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। इस अभियान के दौरान कैडेट्स ने तेज ठंड, ऑक्सीजन की कमी और खतरनाक रास्तों जैसी बाधाओं का सामना किया, लेकिन उन्होंने अपने इरादे मजबूत बनाए रखे।
नेतृत्व और अनुशासन का उदाहरण
एनसीसी के अपर महानिदेशक मेजर जनरल रोहन आनंद ने इस सफलता को युवाओं के लिए प्रेरणा बताते हुए कहा कि यह अभियान साबित करता है कि नेतृत्व और टीमवर्क से हर चुनौती को पार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह केवल तीन कैडेट्स की जीत नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की जीत है।
समर्पण और सहयोग की जीत
इस सफर में भारतीय सेना, उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड और अनुभवी पर्वतारोहियों का सहयोग भी अहम रहा। सभी की मदद से इन युवाओं ने मुश्किलों को पीछे छोड़कर अपनी मंजिल हासिल की।
स्वागत और सम्मान की तैयारी
उत्तराखंड सरकार इन बहादुर युवाओं का भव्य स्वागत करने और उन्हें सम्मानित करने की योजना बना रही है। उनकी सफलता को आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनाया जाएगा।
तीनों कैडेट्स की यह उपलब्धि युवाओं के हौसले, मेहनत और एकजुटता का परिचायक है। माउंट एवरेस्ट की चोटी पर फहराया गया तिरंगा हर भारतीय के दिल में गर्व का एहसास जगाता है और यह साबित करता है कि जब इरादे मजबूत हों, तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।