मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्य सेवक सदन, देहरादून में बिजनेस उत्तरायणी संस्था द्वारा आयोजित Manthon-2025: 5th National Leader’s Summit (Women’s Special) कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्टार्टअप, आत्मनिर्भरता एवं विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समिट महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर मंच प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने अपनी प्रतिभा, परिश्रम और नवाचार के बल पर न केवल अपने परिवार बल्कि समाज और प्रदेश को भी आगे बढ़ाया है। महिलाएं आज राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “नारी तू नारायणी” मंत्र के साथ मातृशक्ति के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि महिला सशक्तिकरण को मजबूत करने के लिए संसद और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, उज्ज्वला योजना, जन-धन योजना, लखपति दीदी योजना लागू की गई तथा ट्रिपल तलाक जैसी कुप्रथा को समाप्त किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए भारत की नारी शक्ति आज उद्योग, कला, शिक्षा, विज्ञान, खेल, अनुसंधान और सेना जैसे अनेक क्षेत्रों में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रही है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड सरकार भी शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्यमिता और स्वरोजगार जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कर रही है। उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, सशक्त बहना उत्सव योजना और मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना के माध्यम से महिलाओं को नए अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना के अंतर्गत महिला समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को एक ब्रांड के रूप में विकसित किया जा रहा है। 15 हजार से अधिक महिला उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों और लखपति दीदियों को इन्क्यूबेशन सुविधा दी जा रही है। इसके साथ ही राज्य में “हाउस ऑफ हिमालयाज” नाम से अम्ब्रेला ब्रांड की शुरुआत की गई है, जिसके तहत उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और इन-हाउस स्टोर्स के माध्यम से लोगों तक पहुँचाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में 70 हजार स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लगभग 5 लाख महिलाएं संगठित होकर व्यवसाय कर रही हैं। 7 हजार से अधिक ग्राम्य संगठन और 500 से अधिक क्लस्टर संगठन महिला नेतृत्व की मजबूत मिसाल पेश कर रहे हैं। वहीं 1 लाख 68 हजार से अधिक महिलाएं लखपति दीदी बनकर नया इतिहास रच चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की महिलाएं स्टार्टअप क्षेत्र में भी उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कर रही हैं। पारंपरिक कला, कृषि-उत्पाद, शिक्षा, डिजिटल और टेक्नोलॉजी क्षेत्रों में महिला-स्थापित स्टार्टअप उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। उत्तराखण्ड को Ease of Doing Business में Achievers और Startup Ranking में Leaders श्रेणी प्राप्त हुई है।
उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं के लिए सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया है तथा महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बना है।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष, राज्य स्तरीय महिला उद्यमिता परिषद श्रीमती विनोद उनियाल, श्री वीरेंद्र सेमवाल, गंगा बिष्ट, कर्नल डी.पी. डिमरी (से.नि.), श्रीमती मधु भट्ट, श्रीमती गीता खन्ना, श्री नीरज सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।




