बोलपुर: पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय की सबसे पुरानी संरचना ‘शांतिनिकेतन गृह’ पर्यटकों के लिए जल्द ही खोली जाएगी। भारतीय पुरातत्व सोसायटी (ASI) ने इस ऐतिहासिक इमारत के जीर्णोद्धार का काम पूरा कर इसे विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंप दिया है।
यूनेस्को विश्व धरोहर का हिस्सा
सितंबर 2023 में शांतिनिकेतन को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। यह इमारत रवींद्रनाथ टैगोर की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। हालांकि, जीर्णोद्धार के चलते ‘शांतिनिकेतन गृह’ पर्यटकों के लिए बंद था। अब इसे पुनः खोलने की तैयारी की जा रही है।
पर्यटकों को मिलेगी नई अनुमति
विश्व भारती के रवींद्र भवन के निदेशक अमल पाल ने जानकारी दी कि अंतिम अनुमति विश्वविद्यालय के सुरक्षा अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ चर्चा के बाद दी जाएगी। कोविड-19 महामारी के दौरान परिसर में आम लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन अब रवींद्र भवन संग्रहालय और परिसर के अन्य क्षेत्रों में पर्यटकों की सीमित एंट्री शुरू हो चुकी है।
ऐतिहासिक महत्व की संरचना
‘शांतिनिकेतन गृह’ का निर्माण रायपुर के जमींदार प्रताप नारायण सिंह ने करवाया था, जो महर्षि देवेंद्रनाथ टैगोर के आश्रम स्थापित करने से भी पहले का है। यह भवन न केवल टैगोर परिवार के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि महात्मा गांधी, मदनमोहन मालवीय, और जदुनाथ सरकार जैसे राष्ट्रीय नेताओं की मेजबानी का गवाह भी रहा है।
अन्य घरों का भी दौरा कर सकेंगे पर्यटक
पर्यटक अब शांतिनिकेतन गृह के साथ-साथ टैगोर द्वारा उपयोग किए गए अन्य घरों—उदयन, उदिची, श्यामोली, कोणार्क, और पुनाश्चा का भी दौरा कर सकेंगे। शांतिनिकेतन गृह का ऐतिहासिक महत्व इसे इस सूची में एक महत्वपूर्ण जोड़ बनाता है।
पौष मेला और शांतिनिकेतन गृह
यह इमारत आज भी वार्षिक पौष मेले की शुरुआत की घोषणा के लिए प्रसिद्ध है, जब इसकी बालकनी से शहनाई बजाई जाती है। इसके जीर्णोद्धार के बाद, यह इमारत टैगोर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को नई ऊंचाईयों तक ले जाने के लिए तैयार है।