राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज नैनीताल जनपद स्थित कुमाऊँ विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित होने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा किसी भी राष्ट्र के विकास की सबसे मजबूत नींव है। यह न केवल छात्रों की बुद्धि और कौशल का विकास करती है, बल्कि उनके नैतिक मूल्यों और चरित्र को भी सशक्त बनाती है। उन्होंने कहा कि सच्ची शिक्षा वही है जो व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाते हुए उसे विनम्रता, संवेदनशीलता और समाज के प्रति उत्तरदायित्व सिखाए।
उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपनी शिक्षा का उपयोग वंचित वर्गों की सेवा और देश के विकास के लिए करें। राष्ट्रपति ने कहा कि यही सच्चा धर्म है, जो उन्हें आंतरिक संतोष और खुशी प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि आज भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। सरकार युवाओं के लिए अनेक अवसर सृजित करने हेतु निरंतर नीतिगत पहल कर रही है। उच्च शिक्षा संस्थानों की ज़िम्मेदारी है कि वे छात्रों को उन अवसरों का लाभ उठाने के लिए सशक्त और तैयार करें।
उन्होंने कहा कि देश में अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देना समय की मांग है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि कुमाऊँ विश्वविद्यालय शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्टता की दिशा में सतत प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि बहु-विषयक दृष्टिकोण शिक्षा और अनुसंधान की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है।
पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हिमालय जीवनदायिनी संसाधनों का भंडार है और उनके संरक्षण की जिम्मेदारी हम सबकी है। उन्होंने कुमाऊँ विश्वविद्यालय द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों की सामाजिक जिम्मेदारी भी होती है। उन्होंने शिक्षकों और छात्रों से आग्रह किया कि वे आसपास के गांवों में जाकर ग्रामीण समस्याओं को समझें और उनके समाधान के लिए पहल करें।
उन्होंने कहा कि भारत ने वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसमें युवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि युवा अपनी प्रतिभा, ऊर्जा और समर्पण से इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।
इससे पूर्व, राष्ट्रपति ने नैनीताल स्थित श्री नैना देवी मंदिर और श्री नीब करौरी बाबा आश्रम, कैंची धाम में दर्शन कर देश एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की।




