देहरादून : उत्तराखंड सहित देश के अन्य भूकंप और आपदा संभावित राज्यों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य आपदा के दौरान त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया को सुनिश्चित करना है। मॉक ड्रिल के माध्यम से न केवल प्रशासनिक एजेंसियों की तैयारियों का मूल्यांकन किया जाता है, बल्कि आम नागरिकों को भी जागरूक और प्रशिक्षित किया जाता है।
क्या होती है मॉक ड्रिल?
मॉक ड्रिल एक योजनाबद्ध पूर्वाभ्यास है, जिसमें किसी संभावित आपदा की स्थिति को कृत्रिम रूप से तैयार किया जाता है और उसमें शामिल सभी संस्थाएं जैसे कि पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, दमकल सेवा, आपदा प्रबंधन दल, स्कूल-कॉलेज और स्थानीय लोग उस परिस्थिति से निपटने का अभ्यास करते हैं। यह एक वास्तविक स्थिति जैसा अनुभव प्रदान करता है जिससे बचाव दल और आम लोग आपातकालीन हालात में सतर्क रह सकें।
मॉक ड्रिल कैसे की जाती है?
मॉक ड्रिल के दौरान एक निर्धारित परिदृश्य के अनुसार चेतावनी जारी की जाती है। उदाहरण के लिए, भूकंप की स्थिति को दर्शाने के लिए सायरन बजाए जाते हैं, इमारतों से सुरक्षित तरीके से निकासी की जाती है और घायलों को चिकित्सा सहायता देने का अभ्यास किया जाता है। संबंधित विभाग राहत कार्यों का प्रदर्शन करते हैं और पूरी प्रक्रिया की निगरानी एवं मूल्यांकन किया जाता है।
उत्तराखंड में मॉक ड्रिल की आवश्यकता
उत्तराखंड एक भूकंप-संवेदनशील राज्य है जहां हर साल भूस्खलन, बाढ़ और अन्य आपदाओं की आशंका बनी रहती है। ऐसी स्थिति में मॉक ड्रिल स्थानीय प्रशासन, बचाव दल और आम नागरिकों को आपदा के प्रति जागरूक रखने का प्रभावी माध्यम है। इसके जरिए हर स्तर पर कमियों को पहचाना जा सकता है और वास्तविक आपदा की स्थिति में अधिक प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया दी जा सकती है।
मॉक ड्रिल के लाभ
मॉक ड्रिल से न केवल आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की क्षमता बढ़ती है, बल्कि यह लोगों के बीच आत्मविश्वास और सजगता भी पैदा करती है। यह सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत बनाती है और संसाधनों के उपयोग में दक्षता लाती है। स्कूलों, अस्पतालों और सरकारी संस्थानों में मॉक ड्रिल का आयोजन बच्चों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन का प्रयास
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) की देखरेख में पूरे देश में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। यह अभ्यास ‘आपदा जोखिम न्यूनीकरण’ (Disaster Risk Reduction) की दिशा में एक ठोस कदम है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि भविष्य में किसी भी आपदा की स्थिति में जन-धन की हानि को न्यूनतम किया जा सके।
मॉक ड्रिल एक तैयारी है, न कि केवल औपचारिकता। यह राज्य और देश को आपदा के प्रति अधिक सक्षम और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। अगर इसे नियमित रूप से और गंभीरता से किया जाए, तो यह जीवन और संपत्ति की रक्षा में अमूल्य योगदान दे सकता है।