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भारत-पाक तनाव के बीच दून और वेल्हम स्कूल ने दी छात्रों को घर लौटने की अनुमति, अभिभावकों की मांग पर लिया गया फैसला

Amidst Indo-Pak tension, Doon and Welham School allowed students to return home, decision taken on the demand of parents

देहरादून, 9 मई 2025: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच देहरादून के नामी बोर्डिंग स्कूलों दून स्कूल और वेल्हम गर्ल्स स्कूल ने छात्रों को अस्थायी रूप से घर भेजने की अनुमति दे दी है। यह निर्णय अभिभावकों की ओर से लगातार आ रहे अनुरोधों और संभावित यात्रा बाधाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

दून स्कूल के प्रधानाचार्य जगप्रीत सिंह ने गुरुवार शाम एक आधिकारिक ईमेल में बताया कि स्कूल परिसर पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन बढ़ते सुरक्षा हालात और फ्लाइट रद्द होने की आशंका को देखते हुए कई अभिभावक अपने बच्चों को घर ले जाना चाहते हैं।
“हमने छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया है कि जिन अभिभावकों की इच्छा हो, वे अपने बच्चों को शुक्रवार सुबह 6 बजे से स्कूल से घर ले जा सकते हैं,” ईमेल में कहा गया।

विद्यालय प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि जो छात्र स्कूल परिसर में ही रहना चाहें, उनके लिए सभी सुविधाएं और सुरक्षा व्यवस्था यथावत बनी रहेंगी। हाउस मास्टर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे इच्छुक अभिभावकों के संपर्क में रहें और आवश्यक सहयोग प्रदान करें।

वेल्हम गर्ल्स स्कूल की ओर से भी इसी तरह की स्थिति को देखते हुए लचीलापन बरता गया है। स्कूल प्रशासन ने कहा कि बच्चों की भलाई सर्वोपरि है और अभिभावकों की चिंता को गंभीरता से लिया गया है।
“हमारा परिसर पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन हालात की नज़ाकत को समझते हुए जिन माता-पिता की इच्छा है, वे अपनी बेटियों को अस्थायी रूप से घर ले जा सकते हैं,” स्कूल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया।

गौरतलब है कि हाल के दिनों में भारत-पाक सीमा पर बढ़ी सैन्य गतिविधियों, मिसाइल हमलों की खबरों और सीमावर्ती राज्यों में ब्लैकआउट की स्थितियों ने कई परिवारों को चिंतित कर दिया है। इस पृष्ठभूमि में बोर्डिंग स्कूलों का यह निर्णय सतर्कता और संवेदनशीलता का प्रतीक माना जा रहा है।

देश में मौजूदा सुरक्षा स्थिति को देखते हुए, देहरादून के प्रमुख शिक्षण संस्थानों ने अभिभावकों को बच्चों को घर ले जाने की अनुमति देकर एक संतुलित और मानवीय रुख अपनाया है, जिससे परिवारों को राहत मिली है और छात्र भी सुरक्षित माहौल में रह सकेंगे।

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