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सरगुजा का महेशपुर: प्राचीन धरोहरों का खजाना, पर्यटन विकास की आस

Maheshpur of Sarguja: Treasure of ancient heritage, hope for tourism development

सरगुजा (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्थित महेशपुर गांव इतिहास और पुरातात्विक धरोहरों का अद्वितीय केंद्र है। यह स्थान अपने प्राचीन मंदिरों, मूर्तियों और शैव, वैष्णव, तथा जैन धर्म की कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के रेण नदी तटीय क्षेत्र और रामगढ़ के पास फैले अवशेष 8वीं से 13वीं शताब्दी के बीच कला और संस्कृति के उत्कर्ष के साक्षी हैं।

महेशपुर: इतिहास की जिंदा तस्वीर

महेशपुर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में फैले प्राचीन टीलों की खुदाई में कई महत्वपूर्ण मंदिरों और शिव-पार्वती की मूर्तियों के अवशेष मिले हैं। यह स्थान रामायणकालीन कथाओं से भी जुड़ा है। लोककथाओं के अनुसार, यह क्षेत्र भगवान राम के वनवास और जमदग्नि ऋषि की पत्नी रेणुका के नाम पर बहती रेण नदी से जीवंत है।

पुरातात्विक महत्व और संभावनाएं

महेशपुर क्षेत्र में पुरातत्व विभाग ने 2008-09 में खुदाई की थी, जिसमें ऐतिहासिक अवशेषों का खजाना मिला। हालांकि, स्थानीय निवासियों का मानना है कि अभी भी हजारों की संख्या में अवशेष जमीन के नीचे दबे हुए हैं। इनकी खोज और संरक्षण के लिए सरकार और पुरातत्व विभाग से विशेष ध्यान देने की मांग की जा रही है।

पर्यटन का नया केंद्र बन सकता है महेशपुर

महेशपुर तक पहुंचना भी आसान है। अंबिकापुर-रायपुर मार्ग पर स्थित उदयपुर कस्बा महेशपुर का प्रवेश द्वार है। उदयपुर से मात्र 12 किलोमीटर की दूरी पर महेशपुर स्थित है, जहां प्राचीन मंदिर, मूर्तियां, और अन्य ऐतिहासिक अवशेष देखने को मिलते हैं।

संरक्षण की कमी

महेशपुर में एक पुरातत्व संग्रहालय भी स्थापित किया गया है, लेकिन दुर्भाग्यवश अवशेषों के संरक्षण की विशेष व्यवस्था नहीं है। स्थानीय निवासी और इतिहासकार संतोष दास का कहना है कि यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र बन सकता है, बशर्ते इसकी ऐतिहासिक धरोहरों का समुचित संरक्षण और प्रचार-प्रसार किया जाए।

सरकार और पुरातत्व विभाग से अपेक्षाएं

ग्रामीणों और स्थानीय विशेषज्ञों की मांग है कि महेशपुर में पुनः खुदाई कराई जाए और इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए। इसके संरक्षण से न केवल छत्तीसगढ़ की धरोहर संरक्षित होगी, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।

महेशपुर का यह ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व इसे छत्तीसगढ़ के प्रमुख पुरातात्विक स्थलों की सूची में शामिल करता है। सही कदमों से यह स्थान विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र बन सकता है।

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