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उत्तराखंड: मदरसों में छात्रवृत्ति घोटाले पर सीएम धामी सख्त, जांच के दिए आदेश

Uttarakhand Scholarship Scam: मदरसों में धांधली पर CM धामी का एक्शन

📍 देहरादून, 17 जुलाई 2025 | संपादन: Cyber Youth न्यूज़ डेस्क

🔗 मुख्य बिंदु:

  • ऊधमसिंह नगर जिले में 796 अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति आवेदनों की जांच

  • 6 मदरसों और संस्थानों के 456 छात्रों की जानकारी संदिग्ध

  • सरस्वती शिशु मंदिर जैसे गैर-अल्पसंख्यक स्कूलों का नाम भी सामने आया

  • सीएम धामी ने दो सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने के दिए निर्देश

📰 विस्तार से:

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर सामने आए छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर सख्ती दिखाई है। मुख्यमंत्री ने विशेष सचिव (अल्पसंख्यक कल्याण) डॉ. पराग मधुकर धकाते को तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। मामला उस समय गंभीर हुआ जब ऊधमसिंह नगर जिले के छह शिक्षण संस्थानों से 456 छात्रों की जानकारी संदिग्ध पाई गई।

🚨 चौंकाने वाला खुलासा:
छात्रवृत्ति लाभार्थियों की सूची में सरस्वती शिशु मंदिर हाईस्कूल, किच्छा का नाम आने से हड़कंप मच गया। यह विद्यालय अल्पसंख्यक नहीं है, बावजूद इसके इसे केंद्र सरकार की अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में दर्शाया गया है। यहां 154 मुस्लिम छात्रों के अध्ययन का दावा किया गया है, जबकि इसका संचालन मोहम्मद शारिक-अतीक द्वारा बताया गया है।

🔍 इन संस्थानों पर विशेष नजर:

  • नेशनल अकादमी जेएमवाईआईएचएस, काशीपुर: 125 छात्र, संचालक – गुलशफा अंसारी

  • मदरसा अल जामिया उल मदरिया: 27 छात्र, संचालक – मोहम्मद फैजान

  • मदरसा अल्बिया रफीक उल उलूम, बाजपुर: 39 छात्र, संचालक – जावेद अहमद

  • मदरसा जामिया आलिया, गदरपुर: 24 छात्र, संचालक – जावेद अहमद

  • मदरसा जामिया रजा उल उलूम, बाजपुर: 85 छात्र, संचालक – इरशाद अली

📋 सीएम का निर्देश:
सीएम धामी ने कहा कि देवभूमि में भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने आवेदकों की प्रमाणिकता, बैंक खाता विवरण, संस्थानों की पात्रता और छात्रों की भौतिक सत्यापन प्रक्रिया दो सप्ताह में पूरी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, इस मामले में केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालय से भी समन्वय किया जा रहा है।

🎙 सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा:

“राज्य में छात्रवृत्ति पोर्टल पर दी गई जानकारी संदेहजनक प्रतीत होती है। सरस्वती शिशु मंदिर के नाम पर हुए फर्जीवाड़े की जांच आवश्यक है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”

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