नई दिल्ली – भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सैन्य टकराव ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के परिणाम अब अंतरराष्ट्रीय रक्षा उद्योग पर भी दिखाई देने लगे हैं। इस संघर्ष में पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए अमेरिकी F-16 और चीनी J-10 लड़ाकू विमानों की विफलता ने न केवल उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि इनके निर्माताओं के शेयर बाजार प्रदर्शन पर भी सीधा प्रभाव डाला है।
लॉकहीड मार्टिन के शेयरों में गिरावट
F-16 लड़ाकू विमानों के निर्माता, अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन के शेयरों में मई महीने के दौरान निराशाजनक प्रदर्शन देखा गया। मई में कंपनी के स्टॉक में मात्र 0.97% की मामूली बढ़त हुई, जिससे निवेशकों को लगभग शून्य रिटर्न मिला। विश्लेषकों के अनुसार, पाकिस्तान द्वारा F-16 का इस्तेमाल कर भी कोई ठोस सैन्य उपलब्धि न हासिल कर पाना कंपनी की साख के लिए झटका है।
जे-10 निर्माताओं पर भी पड़ा असर
पाकिस्तान द्वारा चीन निर्मित J-10C विमानों का उपयोग करने के बावजूद वांछित परिणाम न मिलने से चीन की प्रमुख डिफेंस कंपनी AVIC चेंगदू एयरक्राफ्ट के स्टॉक्स पर भी असर पड़ा। मई में इसके शेयर अपने उच्चतम स्तर से करीब 20% तक नीचे आ गए हैं। यह चीन के रक्षा निर्यात के लिए एक चेतावनी संकेत माना जा रहा है।
भारत की सैन्य तैयारी की जीत
इस सैन्य संघर्ष में भारत की सतर्क वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के हर हमले को विफल किया। इससे भारत के स्वदेशी रक्षा क्षेत्र की साख मजबूत हुई है। भारत की रक्षा कंपनियों जैसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स, कोचीन शिपयार्ड, भारत डायनामिक्स और पारस डिफेंस के शेयरों में 30% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
भविष्य के लिए संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर से भारत की सैन्य शक्ति और आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली की वैश्विक छवि मजबूत हुई है। वहीं, F-16 जैसी पुरानी तकनीक की पुनरीक्षा अब ज़रूरी हो गई है, जिससे अमेरिका और चीन जैसे देशों की डिफेंस कंपनियों की रणनीति पर भी असर पड़ सकता है।