नई दिल्ली, 30 नवंबर 2024: सर्दियों के मौसम में अक्सर लोग पानी पीने पर कम ध्यान देते हैं, क्योंकि ठंडी हवाओं के कारण प्यास कम महसूस होती है। लेकिन जानकारों का कहना है कि चाहे गर्मी हो या सर्दी, शरीर को नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। पानी की कमी किसी भी मौसम में डिहाइड्रेशन जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।
डिहाइड्रेशन के खतरे और प्रभाव
1. मोटापा बढ़ने का खतरा:
कम पानी पीने से पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, जिससे मोटापा बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जितना खाना खाते हैं, उतना ही पानी भी पीना जरूरी है ताकि पाचन सही तरीके से हो सके।
2. बदबू और संक्रमण:
गला और मुंह सूखने के कारण बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं, जिससे दुर्गंध और संक्रमण का खतरा बढ़ता है। साथ ही, शरीर से विषैले पदार्थ बाहर न निकलने से अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
3. सिरदर्द और गैस की समस्या:
पानी की कमी से मस्तिष्क कोशिकाएं सिकुड़ सकती हैं, जिससे सिरदर्द होता है। यह पेट में एसिड का निर्माण बढ़ाकर गैस, कब्ज और सीने में जलन जैसी समस्याएं भी पैदा करता है।
4. थकान और शुष्क त्वचा:
पानी की कमी के कारण थोड़ी सी मेहनत पर भी थकान महसूस हो सकती है। साथ ही, त्वचा रूखी, खुजलीदार और झुर्रियों वाली हो सकती है।
सर्दियों में पानी पीने का सही तरीका
- पुरुषों के लिए: दिनभर में 10-14 गिलास पानी।
- महिलाओं के लिए: 8-12 गिलास पानी।
- पानी के विकल्प: जूस, दूध, चाय, और नारियल पानी।
- सर्दियों में प्यास कम लगने पर भी नियमित अंतराल पर पानी पीने की आदत डालें।
डिहाइड्रेशन के लक्षण
डिहाइड्रेशन के सामान्य लक्षणों में थकान, पेशाब की कमी, मुंह और जीभ का सूखना, और त्वचा की चमक का खोना शामिल है। छोटे बच्चों में इसके संकेत अलग हो सकते हैं, जैसे रोने पर आंसू न आना और कम पेशाब आना।
विशेषज्ञों की राय
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन और सीडीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सर्दियों में पानी की कमी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का सुझाव है कि शरीर की जरूरतों के अनुसार पानी का सेवन बनाए रखना बेहद जरूरी है।
निष्कर्ष: सर्दियों में पानी पीने को लेकर सावधानी बरतें और स्वस्थ रहें। पर्याप्त मात्रा में हाइड्रेशन न केवल पाचन तंत्र को बेहतर बनाए रखता है, बल्कि त्वचा और मस्तिष्क के लिए भी फायदेमंद होता है।