नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का सीधा असर पाकिस्तानी शेयर बाजार पर देखने को मिल रहा है। इस हमले में भारत के 26 नागरिकों की जान चली गई थी, जिसके बाद भारत ने कई सख्त कदम उठाए। इसी कारण से पाकिस्तान का बेंचमार्क शेयर सूचकांक KSE-100 बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
KSE-100 इंडेक्स में भारी गिरावट
22 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच KSE-100 इंडेक्स में करीब 7000 अंकों यानी 6.09 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। खासकर 30 अप्रैल को बाजार के लिए बेहद खराब दिन साबित हुआ। उस दिन KSE-100 इंडेक्स 3,545 अंकों की बड़ी गिरावट के साथ 111,326.57 पर बंद हुआ।
बड़ी कंपनियों जैसे LUCK, ENGROH, UBL, PPL और FFC के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई, जिनका सीधा असर सूचकांक पर पड़ा। अकेले इन कंपनियों की गिरावट से सूचकांक में 1,132 अंकों की गिरावट आई।
2 मई को हल्की रिकवरी
लगातार कई दिनों की गिरावट के बाद 2 मई को बाजार में कुछ हद तक सुधार देखने को मिला। KSE-100 इंडेक्स में 2,179.80 अंक यानी 1.96 फीसदी की तेजी आई और यह 113,506.38 पर बंद हुआ। हालांकि विशेषज्ञ इसे केवल “डेड कैट बाउंस” मान रहे हैं, यानी यह सुधार टिकाऊ नहीं है जब तक कि भारत-पाक के बीच तनाव कम न हो।
भारत की सख्त कार्रवाई
हमले के जवाब में भारत ने कई कड़े कदम उठाए हैं:
- सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया, जिससे जल बंटवारे पर असर पड़ा।
- अटारी-वाघा सीमा बंद कर दी गई, जिससे जमीनी व्यापार पूरी तरह से रुक गया।
- भारतीय उच्चायोग से पाकिस्तानी सैन्य अताशे को निष्कासित कर दिया गया।
- पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए गए और वीजा जारी करना भी निलंबित कर दिया गया।
निवेशकों में डर का माहौल
इन सभी घटनाओं के बाद पाकिस्तानी निवेशकों के बीच भारी डर और अनिश्चितता का माहौल है। निवेशक विदेशी फंडों के पलायन और राजनीतिक अस्थिरता को लेकर चिंतित हैं। अगर तनाव यूं ही बना रहा, तो आने वाले दिनों में बाजार में और गिरावट संभव है।