उत्तराखंड

Uttarakhand Land Law: उत्तराखंड में भूमि की यूनिक आईडी: एक क्लिक में मिलेगी सारी जानकारी, राजस्व विभाग जुटा तैयारी में

Unique ID of land in Uttarakhand: All information will be available in one click, Revenue Department is busy in preparation

देहरादून: अब उत्तराखंड में जमीन के ब्यौरे के लिए खसरा और खतौनी की जरूरत जल्द ही खत्म हो सकती है। आने वाले समय में एक क्लिक पर किसी भी भूमि की पूरी जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। इसके लिए प्रदेश का राजस्व विभाग सभी जमीनों के लिए एक विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (Unique Land Parcel Identification Number – ULPIN) तैयार कर रहा है। इस आईडी के जरिए जमीन की लोकेशन, स्वामित्व, और अन्य जानकारियां आसानी से देखी जा सकेंगी।

क्या है यूनिक आईडी योजना?

भारत सरकार ने 2021 में ULPIN योजना शुरू की थी, जिसका उद्देश्य देश की सभी भूमि के लिए 14 अंकों का एक विशिष्ट नंबर जारी करना है। इस नंबर के जरिए जमीन की पूरी जानकारी जैसे कि उसकी लोकेशन (देशांतर और अक्षांश) और भूमि स्वामी की जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकेगी। उत्तराखंड सरकार भी केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहयोग से इस योजना को लागू कर रही है।

अब तक की प्रगति

उत्तराखंड में लगभग 16 हजार गांवों की भूमि के लिए यूनिक आईडी तैयार की जानी है। राजस्व विभाग अब तक 3 हजार गांवों की भूमि के लिए यूनिक आईडी तैयार कर चुका है। विभाग ने इस प्रक्रिया को दिसंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। हालांकि, जिन गांवों की आईडी बन चुकी है, उन्हें अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। जब सभी गांवों की भूमि की यूनिक आईडी तैयार हो जाएगी, तब इसे सार्वजनिक किया जाएगा।

लाभ और भविष्य की दिशा

इस यूनिक आईडी के आने से जमीन से जुड़े विवाद और धोखाधड़ी के मामलों में कमी आने की उम्मीद है। भूमि के रिकॉर्ड की पारदर्शिता बढ़ेगी और किसी भी जमीन का पूरा ब्यौरा चंद सेकेंड में ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही, भूमि के स्वामित्व और स्थिति की जानकारी डिजिटल रूप में सहेजी जाएगी, जिससे भविष्य में भूमि के दस्तावेजों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

उत्तराखंड के राजस्व विभाग की यह पहल जमीन से जुड़े रिकॉर्ड्स को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे भूमि मालिकों और सरकारी विभागों को भी काफी सुविधा मिलेगी।

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