जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब रेल ब्रिज पर सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया। यह पुल इंजीनियरिंग का एक अद्भुत नमूना है और इसे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के हिस्से के रूप में चिनाब नदी पर ऊंचाई पर निर्मित किया गया है। इस मॉक ड्रिल का आयोजन रियासी जिला पुलिस द्वारा विशेष अभियान समूह (SOG), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 126वीं बटालियन, राजकीय रेलवे पुलिस (GRP), रेलवे सुरक्षा बल (RPF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), ग्राम रक्षा गार्ड (VDG), नागरिक प्रशासन, और अग्निशमन, आपातकालीन और चिकित्सा टीमों के सहयोग से किया गया।
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य पुल के महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा के लिए सभी सुरक्षा बलों की तत्परता और समन्वय को परखना था। पुलिस ने बताया कि मॉक ड्रिल के जरिए जमीन पर उपलब्ध बलों की तैयारियों का आकलन किया गया, ताकि किसी भी आपात स्थिति में जल्द से जल्द प्रभावी कदम उठाए जा सकें। इस मॉक ड्रिल में बलों ने कई प्रकार के आपातकालीन स्थितियों से निपटने की योजना को क्रियान्वित किया, जिसमें आपात सेवाओं के लिए त्वरित प्रतिक्रिया, सघन जांच, और तेजी से कार्रवाई की प्रक्रिया का आकलन किया गया।
इस मॉक ड्रिल की योजना राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और आतंकी हमलों के बढ़ते खतरों के मद्देनजर बनाई गई थी। चिनाब रेल ब्रिज का सामरिक महत्व भी है, क्योंकि यह जम्मू-कश्मीर में कनेक्टिविटी बढ़ाने के साथ ही देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिला पुलिस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘X’ पर मॉक ड्रिल की जानकारी साझा की और बताया कि यह सुरक्षा और सामरिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण था। रियासी जिला पुलिस ने लिखा, “महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह एक सक्रिय कदम है। राष्ट्र विरोधी तत्वों के नापाक मंसूबों को विफल करने के लिए कम से कम समय में जमीन पर बलों की तैयारियों की जांच करने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।”
सुरक्षा बलों ने पुल के दोनों छोरों पर तैनात होकर और विभिन्न परतों में सुरक्षा कवच प्रदान किया। ड्रिल के दौरान संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी गई, और संभावित हमले की स्थिति में सभी सुरक्षा बलों ने सामूहिक प्रतिक्रिया देने का अभ्यास किया। साथ ही पुल पर मौजूद किसी भी अन्य खतरे या आपदा की स्थिति में फायर ब्रिगेड, मेडिकल टीम, और आपातकालीन सेवाओं के साथ तालमेल बिठाते हुए संयुक्त कार्रवाई की योजना को अमल में लाया गया।
चिनाब रेल ब्रिज पर आयोजित इस मॉक ड्रिल के बाद सुरक्षा अधिकारियों ने बलों की तैयारियों का आंकलन करते हुए कहा कि इस तरह के अभ्यास समय-समय पर जरूरी हैं ताकि किसी भी आपदा, आतंकी हमला या अन्य आपात स्थिति में त्वरित और सटीक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। इंजीनियरिंग का चमत्कार माने जाने वाला चिनाब ब्रिज न केवल भारत की इंजीनियरिंग प्रगति का प्रतीक है, बल्कि सामरिक दृष्टिकोण से एक मजबूत सुरक्षा ढांचा भी है।