देहरादून: उत्तराखंड का आईटी सिस्टम पिछले 24 घंटों से पूरी तरह ठप है, जिससे प्रदेश भर में सरकारी कामकाज रुक गया है। राज्य के आईटी विशेषज्ञों के साथ केंद्रीय एजेंसियों के विशेषज्ञ भी इस तकनीकी संकट को हल करने में जुटे हैं, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वायरस कहां से आया और यह साइबर अटैक है या नहीं। राज्य के सभी ई-ऑफिस सिस्टम, जो स्वान नेटवर्क से जुड़े हैं, पूरी तरह से बंद हैं, जिससे सचिवालय से लेकर अन्य विभागों के सारे काम ठप पड़े हैं।
ई-ऑफिस सर्वर पर वायरस अटैक
उत्तराखंड के आईटी सिस्टम को एक वायरस ने प्रभावित किया है, जिससे ई-ऑफिस से जुड़े सभी कार्य रुक गए हैं। बताया जा रहा है कि दो दिन पहले आईटीडीए (Information Technology Development Agency) को सर्वर में वायरस आने की जानकारी मिली थी। इसके बाद एहतियाती कदम उठाते हुए सभी एप्लिकेशन को बंद कर दिया गया। प्रदेश के अधिकांश सरकारी कार्य स्वान नेटवर्क से संचालित होते हैं, और नेटवर्क को बंद करने के बाद से सभी ऑनलाइन सेवाएं बाधित हैं।
वायरस की जांच में जुटी टीम
आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल के अनुसार, फिलहाल यह साइबर अटैक नहीं माना जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञ यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि वायरस कहां से आया और कैसे इसे निष्क्रिय किया जा सकता है। उत्तराखंड और केंद्र सरकार से जुड़े आईटी विशेषज्ञ पूरी गंभीरता से वायरस की जांच कर रहे हैं। फिलहाल उनकी प्राथमिकता राज्य के ई-सिस्टम को फिर से चालू करना है।
डाटा सुरक्षित, एप्लीकेशन स्कैन हो रहे हैं
सर्वर और सरकारी एप्लिकेशन की स्कैनिंग के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि सरकारी डाटा को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा है। विशेषज्ञों का दावा है कि आज पूरे सिस्टम को फिर से शुरू करने की उम्मीद है। 700 से अधिक वर्चुअल मशीनों और 186 एप्लिकेशन को धीरे-धीरे स्कैन कर पुनः शुरू किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन भी बंद
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन समेत कई महत्वपूर्ण सेवाएं अभी तक प्रभावित हैं, हालांकि स्वान नेटवर्क को फिर से खोल दिया गया है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही सभी सरकारी एप्लिकेशन और सेवाएं सामान्य रूप से कार्य करने लगेंगी। इस वायरस अटैक ने राज्य की साइबर सुरक्षा को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं, लेकिन फिलहाल प्राथमिकता सिस्टम को फिर से बहाल करने की है।