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बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि: उत्तराखण्ड सरकार ने प्रतिबंधित कफ सिरप पर शुरू किया सख्त अभियान

“राज्यभर में एफ.डी.ए. की ताबड़तोड़ छापेमारी — दोषपूर्ण दवाओं पर सख्त निगरानी”

बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उत्तराखण्ड सरकार ने प्रदेश भर में प्रतिबंधित कफ सिरप और औषधियों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफ.डी.ए.) की संयुक्त टीमें प्रदेश के सभी जिलों में मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों की औषधि दुकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही हैं।

यह अभियान हाल ही में राजस्थान और मध्य प्रदेश में खांसी की दवा (कफ सिरप) के सेवन से बच्चों की मौत की घटनाओं के बाद प्रारंभ किया गया है। उत्तराखण्ड सरकार ने इसे जनस्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर मामला मानते हुए तत्काल कार्रवाई की है।


🚨 मुख्यमंत्री धामी: “बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं”

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि

“बच्चों की सुरक्षा और जनता के स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि प्रदेश में बिकने वाली हर दवा सुरक्षित और मानक गुणवत्ता वाली हो।”

उन्होंने कहा कि सरकार औषधि गुणवत्ता निगरानी प्रणाली को और सुदृढ़ करने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है।


🧪 औषधि निरीक्षण और नमूना जांच जारी

स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त (एफ.डी.ए.) डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को आदेश जारी किए हैं कि भारत सरकार की एडवाइजरी का तत्काल पालन कराया जाए।

औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कफ सिरप के नमूने एकत्र कर प्रयोगशाला जांच करवाएं, ताकि किसी भी दोषपूर्ण या हानिकारक दवा को बाजार से तुरंत हटाया जा सके।

साथ ही चिकित्सकों से अपील की गई है कि वे बच्चों के लिए प्रतिबंधित सिरप न लिखें।


⚕️ केंद्र सरकार की एडवाइजरी: छोटे बच्चों में सिरप पर रोक

भारत सरकार की एडवाइजरी के अनुसार:

  • दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी खांसी-जुकाम की दवा नहीं दी जानी चाहिए।

  • पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों में इन दवाओं का सामान्य उपयोग अनुशंसित नहीं है।

  • केवल विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह, सही खुराक और न्यूनतम अवधि के लिए ही इनका उपयोग किया जा सकता है।

विशेष रूप से निम्न दवाओं को चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रतिबंधित किया गया है:

  • Dextromethorphan युक्त सिरप

  • Chlorpheniramine Maleate + Phenylephrine Hydrochloride संयोजन


👮‍♂️ राज्यभर में छापेमारी अभियान

अपर आयुक्त एवं ड्रग कंट्रोलर श्री ताजबर सिंह जग्गी के नेतृत्व में राज्यभर में युद्धस्तर पर छापेमारी अभियान जारी है।
उन्होंने स्वयं देहरादून के जोगीवाला, मोहकमपुर सहित कई क्षेत्रों में औषधि दुकानों का निरीक्षण किया।

सभी जिलों के औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और खुदरा दुकानों से सिरपों के नमूने लेकर प्रयोगशाला परीक्षण करवाएँ।


🩺 जनता से अपील

सरकार ने जनता से अपील की है कि —

  • बच्चों को कोई भी दवा देने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

  • यदि किसी दवा के सेवन से कोई प्रतिकूल प्रभाव दिखाई दे, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र या अस्पताल से संपर्क करें।

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