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भारत पर पाकिस्तान समर्थित हैकरों का बड़ा साइबर हमला, 15 लाख से अधिक हमलों का खुलासा

Big cyber attack on India by Pakistan-backed hackers, more than 15 lakh attacks revealed

नई दिल्ली: भारत की साइबर सुरक्षा पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। हालिया रिपोर्ट में सामने आया है कि पाकिस्तान से जुड़े हैकरों ने भारत पर 1.5 मिलियन (15 लाख) से अधिक साइबर हमले किए हैं। यह हमला केवल संख्या में ही बड़ा नहीं, बल्कि इसके निशाने पर देश के संवेदनशील और रणनीतिक संस्थान थे, जिनमें सरकारी विभाग, रक्षा प्रतिष्ठान, बैंकिंग नेटवर्क और स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं।

हमलों की तकनीक और रणनीति

विशेषज्ञों के अनुसार, इन हमलों में उन्नत तकनीकों का उपयोग किया गया। फिशिंग ईमेल, रैनसमवेयर, मैलवेयर, स्पाइवेयर और डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (DDoS) जैसे हमले भारत की साइबर प्रणाली को बाधित करने के लिए किए गए। कई मामलों में यह हमले देश के भीतर मौजूद डेटा को एक्सेस करने और उसे विदेश भेजने के मकसद से किए गए थे।

APT ग्रुप्स की संलिप्तता का संदेह

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इन हमलों के पीछे पाकिस्तान समर्थित APT (Advanced Persistent Threat) ग्रुप्स हैं। ये ग्रुप्स लंबे समय से भारत की साइबर प्रणालियों की निगरानी कर रहे थे और चरणबद्ध तरीके से साइबर हमलों को अंजाम दे रहे हैं।

भारतीय एजेंसियों की सक्रियता

इस गंभीर साइबर खतरे को देखते हुए भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो चुकी हैं। CERT-In और राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (NTRO) ने हमलों की जांच शुरू कर दी है। केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों और संस्थाओं को अपनी साइबर सुरक्षा नीति की समीक्षा कर उसे मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।

साइबर युद्ध का नया चेहरा

साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमले एक नए तरह के युद्ध का संकेत हैं। अब लड़ाइयाँ सिर्फ सीमाओं पर नहीं, बल्कि इंटरनेट और डेटा की दुनिया में लड़ी जा रही हैं। भारत को अपनी साइबर डिफेंस प्रणाली को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने की जरूरत है।

जनता को जागरूक रहने की सलाह

सरकार ने आम नागरिकों से भी साइबर सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरतने की अपील की है। अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें, फर्जी मैसेज से सावधान रहें और मोबाइल या कंप्यूटर में सुरक्षा अपडेट नियमित रूप से करें।

15 लाख साइबर हमलों का यह आंकड़ा केवल एक चेतावनी नहीं, बल्कि भविष्य में और गंभीर खतरों का संकेत है। भारत को अपनी साइबर सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के साथ-साथ जनजागरूकता पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा, ताकि डिजिटल भारत को सुरक्षित रखा जा सके।

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