प्राचीन मान्यताएं और वैज्ञानिक पुष्टि
प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों में, रोग की पहचान के लिए सबसे पहले नाखूनों की जांच की जाती थी। वैद्य और हकीम मानते थे कि नाखूनों का रंग और बनावट शरीर की आंतरिक स्थिति को दर्शाते हैं। आधुनिक विज्ञान भी इस मान्यता की पुष्टि करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि नाखूनों की स्थिति से शरीर में पोषक तत्वों की कमी या गंभीर बीमारियों का पता चल सकता है।
क्या होते हैं नाखूनों पर सफेद धब्बे?
नाखूनों पर दिखने वाले सफेद निशानों को ‘ल्यूकोनीशिया’ कहा जाता है। यह एक आम स्थिति है, लेकिन इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे हल्की चोट, फंगल इंफेक्शन, एलर्जी, या कुछ दवाओं का प्रभाव। कई बार यह आयरन, जिंक, कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों की कमी का भी संकेत हो सकता है।
कभी-कभी होते हैं गंभीर बीमारियों के संकेत
हालांकि अधिकतर मामलों में ये धब्बे हानिरहित होते हैं, लेकिन यह डायबिटीज, हृदय रोग, लिवर की बीमारी या HIV जैसी गंभीर स्थितियों का संकेत भी बन सकते हैं। इसलिए अगर यह लंबे समय तक बने रहें या साथ में अन्य लक्षण जैसे कमजोरी, थकान या भूख में कमी दिखाई दे, तो इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
विशेषज्ञों की राय क्या कहती है?
यदि नाखूनों पर सफेद धब्बे लगातार बने रहते हैं या धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं, तो विशेषज्ञों से सलाह लेना जरूरी होता है। डॉक्टर आवश्यक जांच जैसे ब्लड टेस्ट या बायोप्सी के माध्यम से इनके पीछे का कारण पता लगाते हैं। अगर फंगल इंफेक्शन पाया जाता है, तो एंटीफंगल दवाएं दी जाती हैं।
नाखूनों की देखभाल और धब्बों से बचाव
स्वस्थ नाखूनों के लिए संतुलित आहार बेहद जरूरी है। विटामिन बी7 (बायोटिन), विटामिन ई, ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर भोजन करें। नाखूनों को ज्यादा काटने या रगड़ने से बचें। क्यूटिकल ऑयल और मॉइस्चराइज़र का नियमित इस्तेमाल करें।
नाखूनों पर सफेद धब्बे आम हो सकते हैं, लेकिन इनकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। समय रहते उचित देखभाल और चिकित्सा से न केवल इनसे छुटकारा पाया जा सकता है, बल्कि गंभीर बीमारियों से भी बचा जा सकता है।