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रुद्रनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले, गूंजे ‘हर-हर महादेव’ के जयकारे

The doors of Rudranath Dham opened for the devotees, chants of 'Har-Har Mahadev' resonated

चमोली, उत्तराखंड – 18 मई: पंचकेदारों में से एक पावन रुद्रनाथ धाम के कपाट शनिवार तड़के ब्रह्म मुहूर्त में विधिवत पूजा-अर्चना के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस अवसर पर मंदिर परिसर भक्ति की गूंज से सराबोर हो गया। भक्तों की भारी उपस्थिति और “हर-हर महादेव” के नारों से पूरा क्षेत्र शिवमय हो गया।

सुबह करीब 4 बजे मंदिर के कपाट खोले गए, जिसमें देशभर से आए श्रद्धालुओं ने भाग लिया। सभी भक्तों के चेहरों पर भक्ति, श्रद्धा और उत्साह झलक रहा था। रुद्रनाथ धाम की इस आध्यात्मिक शुरुआत ने केदारघाटी में फिर से धार्मिक ऊर्जा का संचार कर दिया।

गोपीनाथ मंदिर से शुरू हुई डोली यात्रा
भगवान रुद्रनाथ की चल विग्रह डोली 16 मई को गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर से भक्तों की जय-जयकार के बीच रवाना हुई थी। पुन्गु गांव में रात्रि विश्राम के बाद डोली अगले दिन पनार बुग्याल होते हुए रुद्रनाथ मंदिर पहुंची। इस यात्रा में श्रद्धालु पूरे मार्ग में शिव भक्ति में लीन रहे और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठाते हुए धाम तक पहुंचे।

भगवान शिव के ‘मुख स्वरूप’ की होती है पूजा
पंचकेदारों में रुद्रनाथ की विशेषता यह है कि यहां भगवान शिव के ‘एकनान’ यानी मुख रूप की पूजा होती है। बाकी केदारों में उनके अन्य अंगों की पूजा होती है। यही कारण है कि यह धाम न केवल धार्मिक रूप से, बल्कि पौराणिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है।

छह महीने तक खुले रहेंगे कपाट
रुद्रनाथ मंदिर के कपाट अब आगामी छह महीनों—अक्टूबर तक श्रद्धालुओं के लिए खुले रहेंगे। इसके बाद बर्फबारी और कठिन मौसम के चलते मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाते हैं और भगवान की पूजा गोपीनाथ मंदिर में संपन्न होती है।

प्रशासन ने की पुख्ता तैयारी
चमोली जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली हैं। ट्रैक मार्गों पर निगरानी, स्वास्थ्य सुविधा और स्वच्छता की व्यवस्था की गई है। पुलिस ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे पर्यावरण का ध्यान रखें और प्लास्टिक कचरा न फैलाएं।

प्राकृतिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संगम
रुद्रनाथ धाम तक पहुंचने के लिए भक्तों को लगभग 20 किलोमीटर लंबा ट्रैक तय करना पड़ता है, जो हरे-भरे बुग्यालों, झरनों और पर्वतों के बीच से गुजरता है। यह यात्रा भक्तों को न केवल धार्मिक अनुभूति कराती है बल्कि प्रकृति की गोद में एक अविस्मरणीय अनुभव भी प्रदान करती है।

रुद्रनाथ के कपाट खुलने के साथ ही अब हजारों श्रद्धालु इस पवित्र स्थल की ओर रुख कर चुके हैं और उम्मीद की जा रही है कि इस बार की यात्रा में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे।

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