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देश में बढ़ते साइबर अपराधों पर सांसद चिंतित, गृह मंत्रालय ने दी विस्तृत रिपोर्ट

MPs are concerned about the increasing cyber crimes in the country, Home Ministry gave a detailed report

संसद की स्थायी समिति में उठी साइबर अपराध रोकथाम की मांग
नई दिल्ली: देश में बढ़ते साइबर अपराधों के मामलों पर सांसदों ने गहरी चिंता जताई है। गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ संसद की स्थायी समिति की बैठक में साइबर अपराध रोकथाम के उपायों पर चर्चा हुई। गृह सचिव गोविंद मोहन ने “साइबर अपराध-परिणाम, संरक्षण और रोकथाम” विषय पर विस्तृत प्रस्तुति दी।

चिंताजनक आंकड़े: 38 लाख से अधिक साइबर अपराध मामले दर्ज
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के अनुसार, अगस्त 2019 से मार्च 2024 तक 38,58,971 साइबर अपराध मामले दर्ज हुए। इनमें बाल पोर्नोग्राफी और बलात्कार के 1,65,953 मामले, ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी के 28,42,078 मामले, और अन्य साइबर अपराधों के 8,27,757 मामले शामिल हैं।

महिला और बाल सुरक्षा के लिए विशेष योजनाएं
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकने के लिए गृह मंत्रालय ने 223.198 करोड़ रुपये की योजना तैयार की है। यह योजना राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपराध रोकथाम में मदद करती है। इसके तहत प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।

साइबर अपराध रोकथाम के लिए जारी सलाह
गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने 2020 से 2024 के बीच 178 साइबर अपराध सूचना और सलाह साझा की हैं। विभिन्न हितधारकों, बैंकों, और वित्तीय मध्यस्थों को साइबर खतरों पर जागरूक किया गया है।

सिम और मोबाइल डिवाइस ब्लॉकिंग प्लेटफ़ॉर्म का विकास
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर सिम कार्ड और मोबाइल डिवाइस ब्लॉक करने के लिए एक प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया गया है। अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक 4,29,152 मोबाइल नंबर ब्लॉक और 69,921 मोबाइल डिवाइस लॉक किए गए हैं।

साइबर स्वयंसेवक ढांचा: नागरिकों की भागीदारी
गृह मंत्रालय ने साइबर जागरूकता और गैरकानूनी सामग्री की रिपोर्टिंग के लिए 54,833 साइबर स्वयंसेवकों को पंजीकृत किया है। इनमें 22,942 साइबर स्वयंसेवक, 22,071 साइबर जागरूकता प्रमोटर और 9,819 साइबर विशेषज्ञ शामिल हैं।

जांच में एजेंसियां सक्रिय
साइबर अपराध से संबंधित घटनाओं पर कार्रवाई के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी, ईडी, गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय और राज्य पुलिस बल सक्रिय हैं। 36 तकनीकी विश्लेषण रिपोर्ट और 350 से अधिक दैनिक डाइजेस्ट रिपोर्ट साझा की गई हैं।

सांसदों की चिंता और सुझाव
संसदीय समिति के एक सदस्य ने कहा, “साइबर अपराध रोकने के लिए उठाए गए कदम सराहनीय हैं, लेकिन इनकी प्रभावशीलता बढ़ाने की जरूरत है।” बैठक में देशभर में साइबर अपराधों पर प्रभावी रोकथाम और जागरूकता बढ़ाने के सुझाव दिए गए।

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