चमोली (उत्तराखंड): उत्तराखंड की चमोली ज़िले में स्थित विश्वप्रसिद्ध फूलों की घाटी (Valley of Flowers) 1 जून से पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। पहले ही दिन प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों में खासा उत्साह देखा गया। सुबह-सुबह ही 45 पर्यटक घाटी के मुख्य द्वार पर पहुंचे, जहां वन विभाग की ओर से उनका पारंपरिक अंदाज में स्वागत किया गया।
घाटी में खिले 500 से अधिक प्रजातियों के फूल
यह घाटी करीब 87.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है और समुद्र तल से लगभग 13,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां 500 से अधिक देशी और विदेशी फूलों की प्रजातियां पाई जाती हैं, जो हर वर्ष हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। इन फूलों में ब्रह्मकमल, ब्लू पॉपी, प्रिमूला, पोटेंटिला जैसी दुर्लभ प्रजातियां शामिल हैं।
1 जून से 31 अक्टूबर तक रहेगा प्रवेश
वन विभाग के अनुसार फूलों की घाटी 1 जून से 31 अक्टूबर तक सैलानियों के लिए खुली रहती है। प्रवेश के लिए पर्यटकों को पंजीकरण कराना होता है। जून के पहले दिन ही 62 पर्यटकों ने रजिस्ट्रेशन कराया, जिसमें से 45 ने घाटी में प्रवेश किया। सभी पर्यटकों को राष्ट्रीय उद्यान के नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है।
प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान
यह घाटी न केवल फूलों की विविधता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां की शांत वादियां, अल्पाइन वनस्पतियां और दुर्लभ जैव विविधता इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग बनाती हैं। ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए यह घाटी बेहद लोकप्रिय गंतव्य है।
यूनेस्को ने दी विश्व धरोहर की मान्यता
वर्ष 2005 में फूलों की घाटी को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया गया था। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता और पर्यावरणीय महत्व के कारण इसे विश्वभर में एक खास पहचान प्राप्त है।
पर्यटकों से सतर्कता बरतने की अपील
वन विभाग ने सैलानियों से अपील की है कि वे घाटी में स्वच्छता बनाए रखें और पौधों को क्षति न पहुंचाएं। साथ ही शाम 4 बजे से पहले घाटी से लौटकर गेट पर उपस्थिति अनिवार्य रूप से दर्ज कराएं।
फूलों की घाटी का यह मौसम प्रकृति की गोद में कुछ पल बिताने का सुनहरा अवसर है। आने वाले दिनों में यहां पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि होने की उम्मीद है।