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Razorpay ने भारत में मजबूत किया आधार, IPO की तैयारियों को लेकर बड़ा कदम

Razorpay strengthens its base in India, takes a big step towards preparing for IPO

बेंगलुरु: देश की अग्रणी फिनटेक कंपनियों में शामिल Razorpay ने भारत में अपने भविष्य को और भी मजबूती देने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। कंपनी ने अब खुद को एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदल लिया है, जो कि इसके आगामी IPO की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। कंपनी ने अमेरिका से अपना मुख्यालय हटाकर भारत में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

Razorpay के प्रवक्ता के मुताबिक, “हम अपनी कंपनी को भारत में फिर से पंजीकृत कर रहे हैं और इसके साथ ही IPO से पहले सार्वजनिक कंपनी बनने की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है। हमारा उद्देश्य बेहतर गवर्नेंस और समय से पहले IPO के लिए तैयारी करना है।”


भारत में मजबूत हो रही Razorpay की उपस्थिति

Razorpay न केवल डिजिटल भुगतान सेवाओं में अग्रणी है, बल्कि अब वह भारत में अपने परिचालन को और अधिक विस्तार देने की रणनीति पर काम कर रही है। कंपनी की मल्टी-करेंसी, रीयल-टाइम पेमेंट और इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन की सुविधाएं भारत के छोटे और बड़े व्यवसायों के लिए लाभदायक साबित हो रही हैं।


2026–27 तक IPO की योजना

Razorpay का लक्ष्य है कि वह वित्तीय वर्ष 2026-27 तक अपना IPO लॉन्च करे। यह निर्णय उस समय आया है जब हाल ही में Razorpay Inc के भारत स्थित यूनिट में विलय को क्षेत्रीय निदेशक (हैदराबाद) से मंजूरी मिली है। इससे कंपनी का कानूनी ढांचा भी भारतीय कानून के अनुरूप ढलता जा रहा है।


वित्तीय प्रदर्शन और प्रतिस्पर्धा

Razorpay ने अब तक $800 मिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई है और वर्तमान में इसकी वैल्यूएशन करीब $7 बिलियन है। FY24 में कंपनी ने ₹2,068 करोड़ का राजस्व अर्जित किया और ₹35 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया। कंपनी का सीधा मुकाबला Cashfree, PayU और PhonePe जैसी कंपनियों से है।


रिपोर्ट्स के अनुसार, Pine Labs और PayU जैसी कंपनियां भी आने वाले महीनों में IPO लॉन्च कर सकती हैं। ऐसे में Razorpay का यह कदम उसे IPO के लिए तैयार करने के साथ-साथ निवेशकों को भरोसे में लेने का प्रयास भी माना जा रहा है।


निष्कर्ष:

Razorpay का भारत में रीडोमिसाइलिंग और पब्लिक लिमिटेड कंपनी में तब्दील होना दर्शाता है कि वह भारत को अपने विकास का केंद्र बना रही है। यह न केवल कंपनी के लिए बल्कि देश के फिनटेक इकोसिस्टम के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।

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