नई दिल्ली: त्रिपुरा के गोकुलनगर में भारत-बांग्लादेश सीमा पर सोमवार की रात को एक गंभीर घटना घटित हुई, जब 12-15 बांग्लादेशी तस्करों ने घुसपैठ करने की कोशिश की। तस्करों ने धारदार हथियारों से लैस होकर भारत में तस्करी का सामान लाने का प्रयास किया।
बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के कर्मियों ने तस्करों को देखा और अन्य जवानों को बुलाया। इस बीच, तस्करों के समूह ने एक बीएसएफ जवान को पकड़ लिया और उस पर हमला कर दिया। सूत्रों के अनुसार, बीएसएफ के जवानों ने लगभग 40 मीटर की दूरी से हवा में गोलियाँ चलाईं, जिससे कुछ तस्कर बांग्लादेश की ओर भाग गए। हालांकि, अन्य तस्करों ने बिना किसी डर के बीएसएफ जवान को घेर लिया और उस पर धारदार हथियार से हमला किया।
बीएसएफ जवानों ने अपनी सुरक्षा के लिए प्रतिरोध करते हुए तस्करों को मार गिराया। इस झड़प में बीएसएफ जवान के बाएं हाथ और गर्दन पर गंभीर चोटें आई हैं, जिसके बाद उसका इलाज चल रहा है।
भारत-बांग्लादेश सीमा अवैध घुसपैठ और तस्करी के लिए एक संवेदनशील क्षेत्र है। सीमा का सीमांकन ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान किया गया था, और 1947 में भारत के विभाजन और 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद यह विवाद और जटिल हो गया। पूर्वोत्तर राज्यों में बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ एक बड़ी चुनौती बन चुकी है, जिसके चलते दोनों देशों को घुसपैठ, तस्करी और सीमा पार आतंकवाद से संबंधित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
भारत ने सीमा सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें सीमा पर बाड़ लगाना और गश्त बढ़ाना शामिल है। दोनों देशों ने 2015 में भूमि सीमा समझौते और अन्य महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे, जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रीय विवादों को सुलझाना है। इस प्रकार की घटनाएं दोनों देशों के बीच सीमा सुरक्षा और सामंजस्य बनाए रखने की आवश्यकता को और अधिक महत्वपूर्ण बनाती हैं।