नई दिल्ली, 12 जून: भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए यात्रियों की सुविधा और टिकटों की कालाबाजारी पर लगाम कसने के उद्देश्य से आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है। यह फैसला विशेष रूप से तत्काल टिकटों की बुकिंग को पारदर्शी बनाने और फर्जी आईडी से टिकट निकालने की बढ़ती घटनाओं पर नियंत्रण के लिए लिया गया है।
तत्काल टिकट बुकिंग के लिए जरूरी हुआ आधार कार्ड
रेल मंत्रालय के अनुसार, 1 जुलाई 2025 से तत्काल ई-टिकट की बुकिंग केवल आधार से सत्यापित आईडी पर ही संभव होगी। यानी यात्री को IRCTC पोर्टल या मोबाइल ऐप के जरिए तत्काल टिकट बुक करते समय वही आईडी इस्तेमाल करनी होगी जो आधार से लिंक हो। इससे पहले बीते 6 महीनों में रेलवे ने लगभग 2.5 करोड़ संदिग्ध आईडी को ब्लॉक किया था, जो टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग में संलिप्त थीं।
विंडो टिकट पर भी OTP अनिवार्य
अगर कोई यात्री स्टेशन के पीआरएस काउंटर से तत्काल टिकट बुक करता है, तो उसे अपने आधार से जुड़े मोबाइल नंबर की जानकारी देनी होगी। उस नंबर पर भेजे गए OTP के सत्यापन के बाद ही टिकट बुकिंग की जा सकेगी। यह नया कदम टिकटिंग प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।
एजेंटों के लिए बदले बुकिंग समय
रेलवे ने एजेंटों द्वारा टिकट बुकिंग के समय में भी बदलाव किया है। अब एसी क्लास की तत्काल टिकट बुकिंग एजेंट सुबह 10:30 बजे से ही कर सकेंगे, जबकि नॉन-एसी के लिए यह समय सुबह 11:30 बजे से शुरू होगा। इससे पहले आधे घंटे का समय केवल व्यक्तिगत यात्रियों और रेलवे काउंटर के लिए आरक्षित रहेगा।
सॉफ्टवेयर में भी होगा सुधार
रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग सॉफ़्टवेयर को भी अपग्रेड करने का फैसला किया है। 15 जुलाई से, आधार प्रमाणीकरण के लिए उपयोगकर्ताओं को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाएगा, जिसे दर्ज करने के बाद ही बुकिंग पूरी हो पाएगी।
यात्रियों को मिलेगा लाभ
इस नई व्यवस्था से जहां एक ओर टिकटों की दलाली और फर्जी बुकिंग पर रोक लगेगी, वहीं आम यात्रियों को कन्फर्म सीट मिलने की संभावना भी बढ़ेगी। भारतीय रेलवे के यह कदम तकनीकी और प्रबंधन दोनों स्तर पर यात्रियों के हित में एक बड़ा सुधार है।