खनिज संसाधनों के दोहन के लिए नई नीति संभव
भारत का खनन क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल औद्योगिक उत्पादन और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आवश्यक कच्चे माल की आपूर्ति करता है, बल्कि लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी प्रदान करता है। ऐसे में बजट 2025 से इस क्षेत्र को बड़ी उम्मीदें हैं। सरकार खनन उद्योग के आधुनिकीकरण, निजी निवेश को प्रोत्साहन और पर्यावरण के अनुकूल नीतियों की घोषणा कर सकती है।
खनन में निजी निवेश को मिलेगा बढ़ावा
भारत में खनन गतिविधियों का एक बड़ा हिस्सा अभी भी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) द्वारा संचालित किया जाता है। हालांकि, बजट 2025 में निजी क्षेत्र को अधिक अवसर देने की संभावनाएं हैं।
- सरकार कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट और अन्य खनिजों के खनन लाइसेंस आवंटन में पारदर्शिता लाने के लिए नई नीति लागू कर सकती है।
- खनन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को और अधिक लचीला बनाने के लिए नियमों में ढील दी जा सकती है।
- निजी कंपनियों को खनन ब्लॉक्स की नीलामी प्रक्रिया को सरल और तेज करने की योजना पेश की जा सकती है।
- खनन क्षेत्र के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए नई योजनाएं लाई जा सकती हैं, जिससे परिवहन और लॉजिस्टिक्स की लागत कम हो।
पर्यावरण के अनुकूल खनन पर जोर
खनन से पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार बजट 2025 में ग्रीन माइनिंग (पर्यावरण-अनुकूल खनन) को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीतियां लागू कर सकती है।
- खनन कार्यों में आधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों को टैक्स छूट और सब्सिडी दी जा सकती है।
- खनिज संसाधनों के सतत उपयोग के लिए सरकार पुनःखनन (re-mining) और खनन अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं ला सकती है।
- खनन क्षेत्रों में पुनर्वनीकरण (reforestation) अनिवार्य करने के लिए सख्त नियम लागू किए जा सकते हैं।
- कोयला और अन्य खनिजों के खनन के दौरान होने वाले कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए ग्रीन टेक्नोलॉजी को अपनाने पर जोर दिया जा सकता है।
खनन क्षेत्र में डिजिटलीकरण को मिलेगा बढ़ावा
तकनीक के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार खनन क्षेत्र में डिजिटलीकरण को प्राथमिकता दे सकती है।
- खनिज ब्लॉक्स की नीलामी प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन करने का प्रस्ताव आ सकता है, जिससे पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
- खनन कार्यों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया जा सकता है।
- ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कर खनन क्षेत्रों की निगरानी और सतत विकास सुनिश्चित किया जा सकता है।
- डेटा एनालिटिक्स और ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से खनिजों की खपत और निर्यात की निगरानी की जा सकती है।
खनन क्षेत्र के आधुनिकीकरण और निर्यात पर फोकस
भारत में खनिजों की भारी मांग होने के बावजूद, खनन तकनीकों का आधुनिकीकरण अब तक सीमित रहा है। बजट 2025 में इस दिशा में कई बड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
- खनन क्षेत्र में ऑटोमेशन और रोबोटिक्स तकनीक को अपनाने के लिए वित्तीय सहायता दी जा सकती है।
- निर्यात को बढ़ाने के लिए खनन कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जा सकता है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होगी।
- खनन उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार नई अनुसंधान एवं विकास (R&D) योजनाएं शुरू कर सकती है।
- कोयला और अन्य खनिजों के आयात को कम करने और घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष पैकेज की घोषणा हो सकती है।
बजट 2025: खनन क्षेत्र में संभावित घोषणाएं
- खनन में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां।
- पर्यावरण-अनुकूल खनन को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं।
- खनन क्षेत्र में डिजिटलीकरण और तकनीक आधारित सुधार।
- निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विशेष टैक्स रियायतें।
- खनन क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए नई योजनाएं।
निष्कर्ष
बजट 2025 से खनन उद्योग को बड़े सुधारों की उम्मीद है। सरकार इस क्षेत्र में निजी निवेश, पर्यावरण-अनुकूल खनन, डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में कई अहम घोषणाएं कर सकती है। यदि इन सुधारों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है, तो खनन क्षेत्र अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।