टोक्यो: जापान ने स्वच्छ और असीम ऊर्जा प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। देश एक ऐसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, जिसके तहत अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा एकत्रित कर उसे माइक्रोवेव्स में बदलकर धरती तक भेजा जाएगा। यह तकनीक न केवल ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति ला सकती है, बल्कि भविष्य में ऊर्जा संकट का भी स्थायी समाधान बन सकती है।
अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा संग्रह, धरती पर माइक्रोवेव्स से बिजली
इस परियोजना के तहत अंतरिक्ष में ऐसे सौर पैनल लगाए जाएंगे जो सूरज की किरणों को सीधे अंतरिक्ष में ही एकत्रित करेंगे। पृथ्वी के वायुमंडल से ऊपर स्थित होने के कारण ये पैनल बिना किसी बाधा के दिन-रात सौर ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं। एकत्रित ऊर्जा को वहां माइक्रोवेव रेडिएशन में बदला जाएगा और फिर इस ऊर्जा को धरती पर विशेष एंटेना (receiving stations) के माध्यम से भेजा जाएगा।
धरती पर लगे एंटेना करेंगे माइक्रोवेव्स को बिजली में परिवर्तित
धरती पर बने विशेष एंटेना इन माइक्रोवेव्स को पकड़कर उन्हें फिर से बिजली में परिवर्तित करेंगे, जिसका उपयोग घरों, उद्योगों और शहरों में किया जा सकेगा। यह प्रक्रिया पर्यावरण के लिए पूरी तरह सुरक्षित मानी जा रही है, क्योंकि इसमें ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं होता और किसी ईंधन की आवश्यकता भी नहीं पड़ती।
भविष्य की ऊर्जा जरूरतों के लिए क्रांतिकारी कदम
जापान की यह पहल ऐसे समय में सामने आई है जब पूरी दुनिया स्वच्छ ऊर्जा की तलाश में जुटी है। पारंपरिक ऊर्जा स्रोत जैसे कोयला, पेट्रोलियम और गैस सीमित हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं यह स्पेस-सोलर पावर सिस्टम न केवल प्रदूषण-मुक्त है, बल्कि यह हर मौसम और हर समय काम कर सकता है, क्योंकि अंतरिक्ष में दिन-रात का कोई प्रभाव नहीं होता।
वैज्ञानिकों को भरोसा, सफल रहा तो बदल जाएगा ऊर्जा का चेहरा
वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर यह तकनीक सफल होती है, तो आने वाले वर्षों में दुनिया के कई देश इस मॉडल को अपनाकर अपने ऊर्जा संकट का समाधान खोज सकते हैं। जापान इस तकनीक को 2030 तक व्यावसायिक स्तर पर लाने की योजना बना रहा है।