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संगमनेर: शिक्षक दंपती ने बंजर भूमि को बनाया हराभरा बगीचा, पर्यावरण संरक्षण की पेश की मिसाल

Sangamner: Teacher couple turned barren land into a green garden, set an example of environmental protection

पथरीली ज़मीन पर उगाई हरियाली, असंभव को किया संभव

महाराष्ट्र के संगमनेर तालुका के लहुचामाला गांव में स्थित जिला परिषद प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक दंपती रोहिदास गाडेकर और आशा गाडेकर ने अपने अथक प्रयासों से एक बंजर, पथरीली भूमि को हरा-भरा बगीचा बना दिया।

स्कूल परिसर में लगाया फलों और औषधीय पौधों का बगीचा

गाडेकर दंपती ने आम, अंजीर, इमली, पीपल, अमरूद और केले सहित कई पेड़ लगाए, जिससे स्कूल का वातावरण पूरी तरह बदल गया। सात से आठ फीट ऊंचे पेड़ अब इस इलाके में हरियाली फैला रहे हैं।

छुट्टियों में भी जारी रखी देखभाल, प्रकृति प्रेम की अनूठी मिसाल

प्रकृति के प्रति अपने समर्पण को दर्शाते हुए, गाडेकर दंपती छुट्टियों के दौरान भी स्कूल आते हैं और पेड़ों की देखभाल करते हैं। उन्होंने स्कूल परिसर में 10 गुंठा (0.25 एकड़) क्षेत्र में एक सब्जी बगीचा भी विकसित किया।

बच्चों के लिए उगाई जाती हैं जैविक सब्जियां

इस बगीचे में प्याज, लहसुन, गाजर, भिंडी, टमाटर और पालक जैसी सब्जियां उगाई जाती हैं, जिन्हें छात्रों के दैनिक भोजन में शामिल किया जाता है। इससे बच्चों को ताजा और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना संभव हो सका है।

ग्राम पंचायत और प्रशासन का भी मिला समर्थन

गाडेकर दंपती ने इस परियोजना को सफल बनाने के लिए ग्राम पंचायत, स्कूल प्रबंधन समिति और स्थानीय समुदाय के सहयोग को महत्वपूर्ण बताया।

शिक्षा अधिकारियों ने की प्रशंसा, बना प्रेरणादायक उदाहरण

समूह शिक्षा अधिकारी बालासाहेब गुंड और स्कूल पोषण अधीक्षक दीपक त्रिभुवन ने उनके कार्यों की सराहना की। गुंड ने कहा कि गाडेकर दंपती ने बंजर भूमि को हरे-भरे बगीचे में बदलकर एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है।

शिक्षक दंपती की अनूठी पहल से पूरे समाज को मिला संदेश

यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने वाली है, बल्कि गांव के अन्य लोगों को भी हरियाली बढ़ाने और टिकाऊ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है।

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