आज शरद पूर्णिमा के अवसर पर 2024 का सबसे बड़ा सुपरमून दिखाई देगा, जो खगोलशास्त्रियों के अनुसार इस साल का सबसे निकटतम और चमकीला पूर्ण चंद्रमा होगा। 17 अक्टूबर की रात 11:55 बजे, चंद्रमा पृथ्वी से केवल 3,51,519 किलोमीटर की दूरी पर होगा। सुपरमून की परिभाषा के अनुसार, जब चंद्रमा पृथ्वी के निकटतम बिंदु (पेरिगी) पर होता है, तो वह 14% बड़ा और 30% ज्यादा चमकीला दिखता है।
खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि इस वर्ष चार सुपरमून की खगोलीय घटनाएं हो रही हैं, जिनमें से आज का सुपर हंटर मून सबसे खास है। इसे “पेरिगी-सिजीगी मून” भी कहा जाता है, जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में होते हैं। सुपरमून का इतिहास 1979 से जुड़ा है, जब प्रसिद्ध खगोलशास्त्री सर रिचर्ड नोले ने पहली बार इसे खगोलिकी में परिभाषित किया था।
आज के सुपरमून की वैज्ञानिक विशेषता यह है कि चंद्रमा की पृथ्वी के चारों ओर दीर्घवृत्ताकार कक्षा है, जिसके कारण वह हर महीने पृथ्वी के करीब और दूर जाता रहता है। पेरिगी की स्थिति में चंद्रमा पृथ्वी के 351,000 किमी के पास आता है, जबकि ऐपोगी के समय 4,10,000 किमी दूर होता है। सुपरमून की खगोलीय विशेषता इसे सामान्य पूर्णिमा से अधिक प्रभावशाली बनाती है।
2024 के सुपरमून तारीखें:
– 19 अगस्त: 3,61,969 किलोमीटर
– 18 सितंबर: 3,57,485 किलोमीटर
– 17 अक्टूबर: 3,51,519 किलोमीटर (आज का सुपरमून)
– 15 नवंबर: 3,61,866 किलोमीटर
इस अद्वितीय खगोलीय घटना को आज रात किसी भी खुली जगह से आसानी से देखा जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुपरमून चांदनी की विशेष चमक से रात को यादगार बना देगा।