सोना बना निवेशकों की पहली पसंद
नई दिल्ली: इस साल सोने ने भारतीय निफ्टी 50 और अमेरिकी एसएंडपी 500 जैसे प्रमुख बाजार सूचकांकों को पछाड़ते हुए लगभग 27% का रिटर्न दिया। मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग ने सोने को निवेशकों की पहली पसंद बना दिया है। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 सोने के लिए अब तक का सबसे सफल वर्ष साबित हुआ है।
सोने की मांग ने पार किया 100 बिलियन डॉलर का आंकड़ा
इस साल की तीसरी तिमाही में, सोने की कुल मांग ने पहली बार 100 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार किया। यह 2010 के बाद सोने के लिए सबसे मजबूत वर्ष रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, 2025 तक सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी की संभावना बनी हुई है।
सोने की बढ़ती कीमतों के पीछे मुख्य कारण
- भू-राजनीतिक तनाव:
- मध्य-पूर्व में इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव।
- रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव।
- सीरिया में राजनीतिक अस्थिरता।
इन सभी घटनाओं ने सोने को एक सुरक्षित निवेश संपत्ति के रूप में और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है।
- केंद्रीय बैंकों की सोने में दिलचस्पी:
- पिछले 15 वर्षों से केंद्रीय बैंक सोने के शुद्ध खरीदार बने हुए हैं।
- 2022-23 के दौरान इस प्रवृत्ति में और तेजी आई है।
- यूएस फेड रेट कटौती:
- यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में की गई कटौती ने सोने को होल्ड करना अधिक आकर्षक बना दिया है।
2025 के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य और आर्थिक नीतियों को देखते हुए, 2025 तक सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी संभव है। सुरक्षित निवेश की चाह रखने वालों के लिए सोना अभी भी सबसे मजबूत विकल्प बना हुआ है।
निष्कर्ष
भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अस्थिरता के बीच, सोने ने अपनी चमक बनाए रखी है। इस वर्ष का शानदार प्रदर्शन न केवल इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बना रहा है, बल्कि आने वाले वर्षों में भी इसकी बढ़त के संकेत दे रहा है।