नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों के लिए सेबी (Securities and Exchange Board of India) ने एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पेश किया है। रिटेल निवेशकों को एल्गोरिदम ट्रेडिंग (एल्गो ट्रेडिंग) की अनुमति देने का प्रस्ताव सामने आया है, जो अब तक बड़े संस्थागत निवेशकों और हाई नेटवर्थ वाले निवेशकों तक सीमित था।
क्या है एल्गो ट्रेडिंग?
एल्गो ट्रेडिंग एक कंप्यूटर प्रोग्राम आधारित ट्रेडिंग है, जिसमें निवेशक के लिए स्वचालित रूप से शेयरों की खरीद-बिक्री की जाती है। यह प्रोग्राम पहले से तय नियमों और एल्गोरिदम के आधार पर काम करता है, जिसमें टाइमिंग, प्राइस और क्वांटिटी जैसे पहलुओं को ध्यान में रखा जाता है।
SEBI का प्रस्ताव क्या कहता है?
सेबी ने रिटेल निवेशकों के लिए ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया है, जिसमें ब्रोकर्स के लिए चेक और बैलेंस का प्रस्ताव दिया गया है। साथ ही, एक्सचेंजों को यह अधिकार दिया गया है कि वे ऐसे एल्गो ऑर्डर रद्द कर सकें, जो नियमों का उल्लंघन करते हों।
एल्गो ट्रेडिंग के फायदे:
- तेजी और सटीकता: ऑर्डर प्लेसमेंट तत्काल और सटीक होता है।
- बेस्ट प्राइस पर ट्रेडिंग: प्रोग्राम बेस्ट पॉसिबल प्राइस पर ऑर्डर प्लेस करता है।
- गलतियों की गुंजाइश कम: इमोशनल और साइकोलॉजिकल गलतियां नहीं होतीं।
- कम लागत: ऑटोमेटिक ट्रेडिंग से लेनदेन की लागत कम होती है।
- डेटा बैक टेस्टिंग: एल्गो ट्रेडिंग पिछली रणनीतियों की प्रभावशीलता को टेस्ट करने में मदद करती है।
कौन होगा लाभार्थी?
- छोटे निवेशकों को सटीक और तेज ट्रेडिंग का लाभ मिलेगा।
- मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ेगी।
- रिटेल निवेशक सुरक्षित तरीके से ट्रेडिंग कर पाएंगे।
बढ़ती लोकप्रियता और भविष्य
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में NSE और BSE पर कुल ऑर्डर्स में से 50% से अधिक ऑर्डर एल्गो ट्रेडिंग के जरिए किए जाते हैं। अभी तक बड़े निवेशकों का इस पर दबदबा था, लेकिन SEBI के इस कदम से छोटे निवेशकों को भी इस नए ट्रेडिंग टूल का फायदा मिलेगा।
SEBI का यह कदम शेयर बाजार में छोटे निवेशकों के लिए एक नए युग की शुरुआत है, जहां एल्गो ट्रेडिंग की मदद से उन्हें सुरक्षित और प्रभावी रिटर्न हासिल करने का अवसर मिलेगा।