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Chattisgarh: मुरा तालाब का कायाकल्प, किसानों को मिला सिंचाई का नया स्रोत

Rejuvenation of Mura pond, farmers got a new source of irrigation

धमतरी जिले के कुरुद विकासखंड स्थित कन्हारपुरी ग्राम पंचायत में मुरा तालाब का सफल कायाकल्प किया गया है, जिससे न सिर्फ भूजल स्तर में सुधार हुआ है, बल्कि किसानों की खेती को भी नई जान मिली है। तालाब के गहरीकरण के बाद इसे “अमृत सरोवर” के रूप में विकसित किया गया, जो अब 9 एकड़ में फैला है। इसके जल संग्रहण की क्षमता 32,400 घन मीटर से बढ़कर 57,800 घन मीटर हो गई है, और गहराई भी 10 फीट से बढ़कर 15 फीट हो गई। इस सुधार से क्षेत्र के बोरवेल रिचार्ज हो गए हैं और सूखी भूमि फिर से उपजाऊ हो गई है।

50 एकड़ भूमि को सिंचाई का लाभ

मुरा तालाब के पुनर्जीवित होने के बाद अब लगभग 50 एकड़ भूमि सिंचित हो रही है, जिससे कन्हारपुरी गांव के कई किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है। मानसूनी वर्षा के पानी को रोकने की क्षमता के चलते यह तालाब जून 2024 से क्षेत्र में जल संरक्षण का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन चुका है। ग्रामीणों के लिए यह तालाब अब खेती और पशुपालन का केंद्र बन गया है, जिससे उनकी आजीविका में सुधार हो रहा है। गहरीकरण के दौरान गांव के लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार भी मिला, जिससे यह तालाब ग्रामीणों के लिए आय सृजन का मॉडल बन गया है।

रेलवे का महत्वपूर्ण सहयोग

मुरा तालाब के पुनरुद्धार में रेलवे ने भी बड़ी भूमिका निभाई। रायपुर से धमतरी तक ब्रॉड गेज लाइन के विकास के लिए रेलवे को मिट्टी की जरूरत थी। जिला प्रशासन और पंचायत प्रतिनिधियों के बीच समझौते के तहत रेलवे को तालाब से मिट्टी और लेटराइट निकालने की अनुमति दी गई। इसके बदले रेलवे ने ग्राम पंचायत को 12 लाख 20 हजार रुपये की रॉयल्टी दी और मशीनों की मदद से तालाब की खुदाई करवाई।

इस तालाब के गहरीकरण से गांव को जहां सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल रहा है, वहीं रोजगार और आर्थिक विकास के अवसर भी बढ़े हैं। मुरा तालाब अब कन्हारपुरी के लिए जीवनदायिनी साबित हो रहा है, जो जल संरक्षण और सामुदायिक विकास का बेहतरीन उदाहरण बन चुका है।

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