नई दिल्ली, 16 जून 2025 — भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने निष्क्रिय बैंक खातों और 10 वर्षों से दावा रहित जमा राशि को लेकर अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नए नियमों के तहत अब खाताधारक और उनके उत्तराधिकारी निष्क्रिय खातों को फिर से सक्रिय कर सकेंगे और उनमें जमा रकम को क्लेम करने की प्रक्रिया भी पहले की तुलना में काफी सरल हो गई है।
KYC अपडेट की प्रक्रिया अब अधिक सहज
RBI की अधिसूचना के अनुसार, बैंक अब सभी शाखाओं (होम ब्रांच समेत अन्य शाखाएं) में निष्क्रिय खातों और 10 साल से अधिक पुरानी जमा राशि के लिए KYC अपडेट की सुविधा देंगे। ग्राहकों को अब केवल उसी ब्रांच में जाने की आवश्यकता नहीं होगी जहां उन्होंने खाता खोला था।
वीडियो KYC: घर बैठे अपडेट की सुविधा
नए नियमों के तहत वीडियो आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (V-CIP) की सुविधा को भी शामिल किया गया है। इससे खासतौर पर सीनियर सिटीजन, दूसरे शहरों में काम करने वाले लोग, एनआरआई और ग्रामीण इलाकों के ग्राहक लाभान्वित होंगे। ग्राहक वीडियो कॉल के माध्यम से KYC प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे, जिससे समय और यात्रा दोनों की बचत होगी।
बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट की मदद भी मिलेगी
RBI ने यह भी कहा है कि बैंकों के अधिकृत बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (BCs) निष्क्रिय खातों के KYC अपडेट और पुनः सक्रिय करने में ग्राहकों की मदद कर सकेंगे। यह कदम खासकर उन इलाकों में मददगार साबित होगा जहां बैंक शाखाओं तक पहुंच सीमित है।
निष्क्रिय खाता किसे माना जाता है?
बैंकों के अनुसार, यदि किसी खाते में 10 वर्षों तक कोई लेनदेन नहीं हुआ है, तो उसे निष्क्रिय मान लिया जाता है। इसी तरह, ऐसी जमा राशि, जिस पर 10 वर्षों तक किसी ने दावा नहीं किया है, उसे भी निष्क्रिय श्रेणी में रखा जाता है। इन रकमों को बैंक RBI के डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस (DEA) फंड में ट्रांसफर कर देते हैं।
नए नियमों से ग्राहकों को मिलेगा बड़ा लाभ
RBI का यह कदम उन लाखों खाताधारकों और उनके परिजनों के लिए राहत लाया है, जिनके खाते निष्क्रिय हो गए थे या जिन्हें दावा करने की प्रक्रिया में परेशानी हो रही थी। अब ये सभी लोग सरल और डिजिटल माध्यमों से अपने खातों को सक्रिय कर सकेंगे और अपनी जमा पूंजी को प्राप्त कर सकेंगे।