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रैपिडो का फूड डिलीवरी में कदम, जोमैटो और स्विगी के दबदबे को मिल सकती है नई चुनौती

Rapido's foray into food delivery may pose a new challenge to the dominance of Zomato and Swiggy

नई दिल्ली, 11 जून — दोपहिया कैब सेवाओं में नाम कमा चुकी स्टार्टअप कंपनी रैपिडो अब फूड डिलीवरी के क्षेत्र में भी हाथ आजमाने जा रही है। इसके लिए कंपनी ने नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) के साथ करार किया है, जिससे उसे देशभर में हजारों रेस्टोरेंट का सहयोग मिलने की संभावना है।

बेंगलुरु से होगी शुरुआत, जून के अंत तक लॉन्च की तैयारी

रैपिडो का लक्ष्य है कि वह बेंगलुरु के कुछ इलाकों में इस नई सेवा की शुरुआत जून के आखिरी हफ्ते या जुलाई की शुरुआत में कर दे। कंपनी इस प्रयोग को सफल बनाकर देश के अन्य हिस्सों में भी अपनी सेवा का विस्तार कर सकती है।

बाजार हिस्सेदारी पर तत्काल असर नहीं: बर्नस्टीन

हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि रैपिडो का प्रवेश जोमैटो और स्विगी जैसी स्थापित कंपनियों की बाजार स्थिति को तुरंत चुनौती नहीं देगा। बर्नस्टीन की रिपोर्ट के अनुसार, नई कंपनी के लिए इस क्षेत्र में खुद को स्थापित करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा।

कम कमीशन मॉडल से रेस्टोरेंट को मिलेगा राहत

जहां मौजूदा बड़ी कंपनियां रेस्टोरेंट से डिलीवरी पर 18 से 20 फीसदी तक कमीशन लेती हैं, वहीं रैपिडो केवल 8 से 15 फीसदी शुल्क वसूलने की योजना बना रही है। इससे छोटे और मझोले रेस्टोरेंट्स को लाभ हो सकता है और उन्हें एक किफायती विकल्प मिल सकेगा।

मजबूत डिलीवरी नेटवर्क, राइडर्स की आमदनी बढ़ाने का प्लान

रैपिडो के पास पहले से ही 4 मिलियन से अधिक राइडर्स का नेटवर्क है, जो रोजाना करीब 30 से 35 लाख सवारी करते हैं। कंपनी की योजना है कि भोजन के व्यस्त समय में इन राइडर्स को फूड डिलीवरी के लिए तैनात किया जाए। इससे न केवल लागत बचेगी, बल्कि राइडर्स की आमदनी में भी इज़ाफा होगा।

शेयर बाजार में हलचल, प्रतिस्पर्धा को लेकर आशंका

रैपिडो की इस योजना की खबर फैलते ही जोमैटो और स्विगी की पैरेंट कंपनी के शेयरों में गिरावट देखी गई है। इसका कारण यह माना जा रहा है कि निवेशकों को भविष्य में बढ़ती प्रतिस्पर्धा की चिंता सता रही है।

सुविधा, लागत और तकनीक के समन्वय से पेश करेगा नया विकल्प

रैपिडो इस क्षेत्र में न्यूनतम निवेश, विस्तृत नेटवर्क और कम कमीशन मॉडल के सहारे अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि बाजार में अपनी पकड़ बनाने के लिए कंपनी को समय और ग्राहकों का भरोसा जीतना जरूरी होगा।

 

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