व्यापार युद्ध और सरकारी शटडाउन की आशंका से बाज़ार में उथल-पुथल
गुरुवार को प्रमुख वॉल स्ट्रीट सूचकांक एसएंडपी 500 और नैस्डैक में भारी गिरावट दर्ज की गई। एसएंडपी 500 में 1.39% की गिरावट आई और यह 5,521.52 पर बंद हुआ, जबकि नैस्डैक 1.96% लुढ़ककर 17,303.01 पर बंद हुआ। इस गिरावट के पीछे व्यापार युद्ध की चिंताओं और संभावित अमेरिकी सरकारी शटडाउन को मुख्य कारण बताया जा रहा है।
CPI डेटा से मिली राहत ज्यादा देर नहीं टिकी
12 मार्च को अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) डेटा के कमजोर रहने से निवेशकों को थोड़ी राहत मिली थी, जिससे प्रमुख सूचकांकों में बढ़त देखी गई थी। लेकिन यह उत्साह ज्यादा समय तक बरकरार नहीं रह सका और बाज़ार में गिरावट फिर से शुरू हो गई।
ट्रंप की टैरिफ धमकी के बाद बाजार में गिरावट तेज
गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ्रांस और अन्य यूरोपीय संघ के देशों से आयातित शराब और अन्य मादक उत्पादों पर 200% टैरिफ लगाने की धमकी दी। इस बयान के बाद बाजार में बिकवाली तेज हो गई, जिससे एसएंडपी 500 और नैस्डैक दोनों सूचकांक भारी गिरावट के साथ बंद हुए।
52-सप्ताह के उच्चतम स्तर से 10-14% तक फिसले प्रमुख सूचकांक
एसएंडपी 500 अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर 6,147.43 से 10% से अधिक गिर चुका है, जबकि नैस्डैक 20,204.58 के उच्चतम स्तर से 14% से अधिक फिसल चुका है।
मार्च में 8% गिरा नैस्डैक, एसएंडपी 500 में 7% की गिरावट
मार्च के महीने में अब तक नैस्डैक 8% तक गिर चुका है, जबकि फरवरी में यह 4% नीचे आया था। एसएंडपी 500 ने भी इस महीने 7% की गिरावट दर्ज की है, जबकि फरवरी में इसमें 1.4% की गिरावट आई थी।
बाजार में गिरावट के पीछे क्या कारण हैं?
- व्यापार युद्ध की आशंका: अमेरिकी सरकार द्वारा चीन, भारत, यूरोपीय संघ, कनाडा और मैक्सिको पर आक्रामक टैरिफ नीति लागू करने से वैश्विक व्यापार को नुकसान हो रहा है।
- अत्यधिक मूल्यांकन: शेयर बाजार में हालिया तेजी के बाद, निवेशकों को अधिक मूल्यांकन की चिंता सता रही है।
- मंदी की आशंका: बढ़ती ब्याज दरों और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण निवेशकों को मंदी का डर सताने लगा है।
- सरकारी शटडाउन का खतरा: अमेरिकी सरकार के बजट को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे निवेशकों का विश्वास डगमगा रहा है।
क्या आगे और गिर सकता है बाजार?
अमेरिकी शेयर बाजार में हालिया गिरावट के बाद निवेशक सतर्क हो गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि व्यापार युद्ध की स्थिति और बिगड़ती है या सरकारी शटडाउन की आशंका हकीकत में बदलती है, तो बाजार में और बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।