दुनियाभर में क्रिसमस का पर्व हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। ईसाई धर्म के अनुयायी यीशु मसीह के जन्म का जश्न मना रहे हैं और विशेष प्रार्थनाओं के लिए चर्चों में पहुंच रहे हैं। घरों से लेकर शहरों के प्रमुख चौराहों और गलियों तक को रोशनी, सजावटी लाइटों और क्रिसमस ट्री से सजाया गया है।
येरूशलम के समीप स्थित यीशु मसीह के जन्मस्थल बेथलेहम में इस वर्ष पूरे दो साल बाद भव्य क्रिसमस समारोह आयोजित किया गया। चर्च ऑफ द नेटिविटी के पास स्थित मैंगर स्क्वायर में विशाल क्रिसमस ट्री लगाया गया, जहां श्रद्धालुओं ने परेड, गीत-संगीत और सामूहिक प्रार्थनाओं के साथ उत्सव मनाया।
इसके साथ ही चीन, केन्या, यूक्रेन और पाकिस्तान समेत कई देशों में भी क्रिसमस श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। विभिन्न देशों में सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच चर्चों में विशेष प्रार्थनाएं आयोजित की गईं।
भारत में भी क्रिसमस का पर्व पूरे उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को दिल्ली स्थित कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन में आयोजित क्रिसमस मॉर्निंग प्रेयर सर्विस में शामिल हुए। इस अवसर पर प्रार्थनाओं के साथ कैरोल गायन भी हुआ। दिल्ली के बिशप रेव्ह. डॉ. पॉल स्वरूप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए विशेष प्रार्थना की।
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक वीडियो संदेश साझा कर देशवासियों को क्रिसमस और नववर्ष की शुभकामनाएं दीं और आपसी प्रेम, शांति एवं सद्भाव की कामना की।
दूसरी ओर, ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु 14वें पोप लियो, जो मई माह में पोप चुने गए थे, इस वर्ष पहली बार क्रिसमस सेलिब्रेशन की अध्यक्षता कर रहे हैं। उन्होंने वेटिकन सिटी में 24 दिसंबर की रात सेंट पीटर बेसिलिका चर्च का पवित्र द्वार खोलकर आधिकारिक रूप से क्रिसमस समारोह की शुरुआत की। इस ऐतिहासिक अवसर पर हजारों श्रद्धालु वेटिकन में मौजूद रहे।
क्रिसमस का यह पर्व शांति, प्रेम और भाईचारे का संदेश देता है, जो इस वर्ष भी पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत में भी एकजुटता और सौहार्द की भावना को मजबूत करता नजर आ रहा है।




